
नैनीताल, 20 मार्च । हाई कोर्ट ने मंसूरी के प्रसिद्ध जार्ज एवरेस्ट एडवेंचर की लीज में दी गई 142 एकड़ भूमि की लीजधारक कंपनी द्वारा लीज की शर्तों का उल्लंघन करने व आम रास्ते से टोल टैक्स वसूले जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर टोल उगाही पर अंतरिम रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्द्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता विनीता नेगी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि यहां पर यह पार्क 142 एकड़ में फैला है और यूटीडीबी ने उप्र की एक संस्था को एक करोड़ प्रतिवर्ष की दर पर लीज पर दे दिया। याचिका में कहा कि इससे स्थानीय लोगों और पर्यटन कारोबारियों के हित प्रभावित हुए हैं। वर्षों पुरानी सार्वजनिक सड़क पर अवैध रूप से टोल वसूला जा रहा है। यही नहीं यहां के हैलीपैड, हट्स, कैफे, संग्रहालयों और वैधशाला को भी लीज पर दे दिया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कंपनी द्वारा पर्यटकों के लिए हेली सेवा संचालित की जा रही है। यह क्षेत्र मंसूरी वन्य जीव अभ्यारण्य से सटा हुआ है।
कंपनी की ओर से बचाव में कहा गया कि जिस सड़क पर टोल वसूला जा रहा है, वह सार्वजनिक नहीं है। कोर्ट ने फिलहाल टोल वसूली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रवेश शुल्क पर रोक नहीं लगाई गई है। कोर्ट ने प्रतिवादियों से अनुबंध के मूल दस्तावेज और पार्क को लीज पर देने के लिये पर्यटन विकास परिषद के फैसले की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि नियत की है।