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मथुरा। संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा का विरोध करने का शायद अब एनआरआई ग्रीन्स आवासीय कॉलोनी के लोगों के मन में पश्चाताप हो रहा है। सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने रविवार को संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात करके इस बात के संकेत दिए। अब संत प्रेमानंद महाराज की हां के बाद कॉलोनी के लोग संत प्रेमानंद महाराज के पास जाएंगे और संभवतः अपनी गलती के लिए क्षमा याचना करेंगे।
एनआरआई ग्रीन्स सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर यात्रा के विरोध पर पश्चाताप करते हुए उनसे क्षमा याचना की। अध्यक्ष ने संत प्रेमानंद महाराज से कहा कि सोसाइटी के लोग उनसे मिलना चाहते हैं। इस पर संत ने कहा कि हम किसी से नाराज नहीं हैं, लोग आना चाहते हैं तो आएं। माना जा रहा है कि सोमवार सोसाइटी के लोग संत के पास जाकर क्षमा याचना करेंगे।
सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने महाराज श्री के सामने कहा कि कुछ यूट्यूबरों ने भ्रामक जानकारियां दी, जिसकी वजह से इस मामले को विवाद का रूप दे दिया गया। सोसाइटी अपनी गलती स्वीकार करती है और चाहती है कि प्रेमानंद महाराज अपनी यात्रा दोबारा वहीं से शुरू करें जहां से बाधित हुई थी। इस घटनाक्रम के बाद अब सभी की निगाहें संत प्रेमानंद महाराज के अगले कदम पर टिकी है कि वे यात्रा को पुनः शुरू करेंगे या नहीं।
संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा मध्य रात्रि के बाद निकलती थी तो इस यात्रा मार्ग में बहुत रौनक रहती थी। पूरे मार्ग पर रंगोली सजाई जाती थी, संकीर्तन होता था। यहां जुटने वाली भारी भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में अस्थायी दुकानें भी लगने लगी थी। यात्रा बंद होने से ये दुकानदार भी मायूस हैं। संत प्रेमानंद महाराज की यात्रा रुकने के बाद बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी इस विवाद में कूद गए थे। उन्होंने संत की नियमित यात्रा के रुकने पर नाराजगी जताते हुए कह दिया था कि जिसे संत प्रेमानंद महाराज का विरोध करना है, वह ब्रज छोड़कर नोएडा-दिल्ली चला जाए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान की भी ब्रजवासियों में प्रतिक्रिया हुई थी। ब्रजवासियों की ओर से हो रहे विरोध के बाद उन्होंने क्षमायाचना करते हुए कहा था कि ब्रजवासी तो उनके प्राण है।
गौरतलब है कि संत प्रेमानंद महाराज लम्बे समय से रात दो बजे अपने आवास श्रीकृष्ण शरणम से रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम के लिए पैदल-पैदल जाते थे। धीरे-धीरे इस पदयात्रा ने भव्य रूप ले लिया। महाराज जी के साथ उनके शिष्य भी होते थे। संत प्रेमानंद महाराज के भक्त उनके दर्शन के लिए दोनों ओर रात के समय खड़े होने लगे। इस यात्रा में बैंड भी जुड़ गया। इस यात्रा मार्ग पर आधी रात बाद सैकड़ों अस्थायी दुकानें भी लगने लगीं। दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों तक होने लगी थी। रास्ते में एनआरआई ग्रीन्स आवासीय कॉलोनी भी है। बैंड की आवाज से कॉलोनी के लोगों की नींद में खलल पड़ने लगा। गत दिनों संत प्रेमानंद इस मार्ग से गुजर रहे थे तो एनआरआई ग्रीन्स कॉलोनी के लोगों ने यात्रा के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों का कहना था कि यात्रा में बजने वाले बैंड से उनकी नींद टूट जाती है। विरोध को देखते हुए संत प्रेमानंद महाराज की रात की यात्रा स्थगित कर दी गई। अब वे अपने भक्तों को अपने केली कुंज आश्रम पर ही दर्शन देते हैं।