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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठकें उत्तर प्रदेश के विकास को नई दिशा दे रही हैं। प्रदेश की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्रालय संभालते हुए मंडलवार विधायकों के साथ समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों का उद्देश्य विधायकों द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों और प्राथमिकताओं को समझना और उन्हें धरातल पर उतारना है। इन बैठकों के परिणामस्वरूप, पीडब्ल्यूडी अब 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सड़क, पुल और पुलियों के निर्माण तथा सुधार की परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर रहा है। यह एक ऐसा महापरियोजना का खाका है जो प्रदेश के कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा।

संवाद से समाधान: विकास कार्यों का रोडमैप

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मंडलवार विधायकों के साथ सीधे संवाद स्थापित कर रहे हैं। इन बैठकों में जन प्रतिनिधियों से उनके विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए प्राथमिकता वाले विकास कार्यों की सूची ली जा रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस संवाद के माध्यम से विधायकों के प्रस्तावों और उनकी वरीयता को संकलित कर रहे हैं, ताकि शासन जन अपेक्षाओं के अनुरूप योजनाओं का कार्यान्वयन कर सके। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से जोर दिया है कि विकास कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता न हो और पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। यूपी सरकार का यह दृष्टिकोण शासन और समाज के बीच विश्वास की एक मजबूत कड़ी स्थापित कर रहा है।

लखनऊ मंडल का नेतृत्व: विकास प्रस्तावों में अग्रणी

अब तक 12 मंडलों की समीक्षा बैठकें पूरी हो चुकी हैं, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, बरेली, आगरा, अलीगढ़ और मुरादाबाद मंडलों में भी बैठकें होनी हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लखनऊ मंडल के विधायकों ने सबसे अधिक विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए हैं। अकेले लखनऊ मंडल से लगभग 42,800 करोड़ रुपये के विकास प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से फ्लाईओवर निर्माण के प्रस्ताव भी शामिल हैं। अन्य मंडलों से भी 25 से 30 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं, जो प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में एक मजबूत संकेत है। लोक निर्माण विभाग के पास वर्तमान में लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध है, और केंद्रीय योजनाओं तथा अन्य मदों के माध्यम से भी विधायकों के प्रस्तावों पर कार्य कराए जाएंगे। प्रदेश सरकार से अतिरिक्त बजट की मांग भी की जाएगी ताकि 70 हजार करोड़ रुपये के विकास लक्ष्यों को पूर्ण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल को विकसित करने की योजना बनाई जाए, ताकि पर्यटन के माध्यम से भी रोजगार और आय के अवसर सृजित हों। लोक निर्माण विभाग राज्य में सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए 3946 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर भी कार्य कर रहा है।