
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। जिला गंगा समिति की इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं पर मंथन किया और स्पष्ट निर्देश दिए कि 20 या उससे अधिक कमरों वाले होटलों में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। बिना एसटीपी वाले होटलों पर अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चालान की कार्रवाई की जाएगी और उनका पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
बैठक में डॉ. बिष्ट ने गंगा की सफाई को लेकर ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने प्लास्टिक कचरा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना जैसे जरूरी विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि गंगा के लिए एक समर्पित जिला स्तरीय कार्य योजना तैयार की जाए, जिसे जल्द राज्य स्तरीय समिति को भेजा जा सके।
डीएम ने उत्तरकाशी के जोशियाड़ा, ज्ञानसू, गंगोरी और अन्य क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही इन स्थानों में प्रस्तावित आस्था पथ परियोजनाओं को भी जल्द से जल्द स्वीकृति के लिए राज्य समिति को भेजने को कहा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि गंगा की सफाई किसी एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी विभागों और नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है। गंगा तटवर्ती शहरों और यात्रा मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतते हुए ठोस कार्ययोजना लागू की जाए।
डीएम ने गंगा किनारे हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए नियमित निगरानी का आदेश दिया, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा निस्तारण की ठोस योजना बनाने और सभी बड़े होटलों में एसटीपी की अनिवार्यता को सख्ती से लागू करने की हिदायत दी।
बैठक में एडीएम पीएल शाह, एसडीएम देवानंद शर्मा, शालिनी नेगी, परियोजना अधिकारी अजय सिंह, एसडीओ मयंक गर्ग, सीएचओ डॉ. रजनीश कुमार, जिला पर्यटन अधिकारी केके जोशी, पर्यावरण विशेषज्ञ स्वजल प्रताप मटूड़ा और जल निगम के ईई मधुकांत कोटियाल भी मौजूद रहे।