
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल द्वारा 87 अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर विद्युत कर्मचारियों में भारी नाराज़गी है। यह अधिकारी उस समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बाहर चले गए थे जब उन्हें उपभोक्ताओं की बिजली समस्याओं को तुरंत हल करना था। इन अभियंताओं में पूर्वांचल डिस्कॉम के 17 अधिकारी भी शामिल हैं।
इस कार्रवाई के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने शुक्रवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भिखारीपुर के प्रबंध निदेशक कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि चेयरमैन ने 27 मई की शाम वीडियो कॉल के दौरान काम पर ध्यान देने के बजाय VC से बाहर जाने वाले अधिकारियों को सजा देने के निर्देश दिए।
UPPCL चेयरमैन ने सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेजकर तीन दिनों के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद कई प्रबंध निदेशकों ने भी अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने जैसे कदम उठाए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट 'ग्रांट थॉर्टन' की नियुक्ति को रद्द करने की भी मांग की, जिसे निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया है।
इस विरोध प्रदर्शन में मायाशंकर तिवारी, नरेंद्र वर्मा, एसके सिंह, सियाराम यादव, प्रमोद कुमार, वेदप्रकाश राय, अंकुर पांडेय, मोनिका केशरी, रामजी भारद्वाज, राजेश सिंह, संदीप कुमार, रंजीत पटेल, मदन श्रीवास्तव, उमेश यादव, धर्मेन्द्र यादव सहित कई लोग शामिल रहे। अध्यक्षता कृष्णा सिंह ने की और संचालन विजय नारायण 'हिटलर' ने किया।
विशेष रूप से जिन अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है वे वाराणसी के विद्युत वितरण खंड प्रथम ग्रामीण, नगरीय खंड चौकाघाट, मच्छोदरी, सारनाथ, चेतमणि और खंड सप्तम से हैं।