
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के अल्मोड़ा में आदि कैलास की तीर्थयात्रा का पहला 19 सदस्यीय दल सकुशल वापस लौट आया। इस सात दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आदि कैलास के दर्शन से उन्हें साक्षात भगवान शिव की उपस्थिति का आभास हुआ। यात्रियों ने इसे आत्मिक शांति देने वाला दिव्य स्थान बताया और कहा कि भविष्य में पुनः यहां आने की इच्छा है।
दल के आगमन पर कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। यात्रियों की थकान मिटाने के लिए उत्तराखंड के राज्य वृक्ष बुरांश के फूलों से बना जूस परोसा गया, जिसे तीर्थयात्रियों ने बहुत सराहा। दल में तमिलनाडु और महाराष्ट्र से छह-छह तथा उत्तराखंड से सात यात्री शामिल थे। यात्रियों में 12 पुरुष और सात महिलाएं थीं।
महाराष्ट्र के 74 वर्षीय मुरली प्रसाद यात्रा के सबसे वरिष्ठ सदस्य थे, जिन्होंने उत्साह से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उम्र अधिक होने के बावजूद भी यात्रा रोमांचक रही और कहीं भी थकावट महसूस नहीं हुई। ओम पर्वत और आदि कैलास के अलौकिक दर्शन का अनुभव अद्भुत था और उन्होंने भविष्य में फिर से यात्रा की इच्छा जताई।
अल्मोड़ा पहुंचने पर यात्रियों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वादिष्ट भोजन परोसा गया। स्थानीय विशेषता बाल मिठाई भी दी गई, जिसका स्वाद यात्रियों ने खूब पसंद किया। तीर्थयात्रियों ने यात्रा के दौरान मिले KMVN के आतिथ्य और प्रबंधन की प्रशंसा की और बताया कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।
दल के सभी सदस्य अब काठगोदाम से अपने-अपने घरों की ओर रवाना होंगे। उल्लेखनीय है कि आदि कैलास यात्रा का पहला चरण 14 मई से शुरू होकर 18 जून तक चलेगा, जिसमें कुल आठ दल इस पावन तीर्थ की यात्रा करेंगे।