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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : श्रीराम स्वरूप विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स की मान्यता को लेकर जारी विवाद अब बड़ा रूप ले चुका है। सोमवार को विश्वविद्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के बाद सीएम के हस्तक्षेप पर सीओ सिटी हर्षित चौहान को निलंबित कर दिया गया है, जबकि नगर कोतवाल आर.के. राना को हटाने का आदेश दिया गया है। शासन के निर्देश पर मंगलवार को मंडलायुक्त राजेश कुमार और अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार बाराबंकी पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों, छात्रों व विश्वविद्यालय प्रशासन के बयान दर्ज किए।

विश्वविद्यालय परिसर के बाहर सोमवार को बड़ी संख्या में छात्र एलएलबी कोर्स की मान्यता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दोपहर बाद एबीवीपी कार्यकर्ता भी छात्रों के समर्थन में पहुंच गए। प्रदर्शन शाम तक उग्र हो गया और स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान 22 लोग घायल हुए, वहीं गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में तोड़फोड़ भी की। हाथापाई में सीओ सिटी समेत पांच पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।

मेयो अस्पताल में घायलों के इलाज के दौरान एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया। पुलिसकर्मियों पर आक्रामक होते देख पुलिस को पीछे हटना पड़ा। मौके पर पहुंचे एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, डीएम शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। देर रात घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने डीएम आवास के बाहर पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बनी रही।

रात में एबीवीपी के प्रदेश पदाधिकारी भी बाराबंकी पहुंचे। भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य और पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष सिंह के साथ एबीवीपी के प्रदेश मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई ने पुलिस अधिकारियों पर हमला करने का आरोप लगाया। तहरीर में कहा गया कि यह हमला विश्वविद्यालय के चांसलर पंकज अग्रवाल के इशारे पर कराया गया।

जांच और कार्रवाई की स्थिति

शासन के आदेश पर आईजी प्रवीण कुमार और मंडलायुक्त राजेश कुमार ने पुलिस लाइन में अधिकारियों की बैठक कर घटनाक्रम की जानकारी ली। कई पुलिसकर्मियों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए। मंडलायुक्त ने विश्वविद्यालय की मान्यता से जुड़े दस्तावेज भी जांच के लिए लिए।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण में और भी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है, खासतौर पर गदिया चौकी के पुलिसकर्मियों पर। प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद इन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुकदमे की तैयारी

इस पूरे घटनाक्रम पर अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। पुलिस ने अपने घायल पांच कर्मियों का मेडिकल कराया है, जबकि एबीवीपी ने 22 कार्यकर्ताओं की मेडिकल रिपोर्ट के साथ तहरीर दी है। दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।