
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां पर जेल के फांसीघर की जमीन कब्जाने के मामले में बुधवार को कोई सुनवाई नहीं हो सकी। इसकी वजह थी कि बचाव पक्ष ने कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र दाखिल किया। अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी। इस सुनवाई में आजम खां समेत अन्य आरोपियों पर आरोप तय किए जाएंगे।
यह मामला 20 सितंबर 2019 का है, जब गंज कोतवाली में तत्कालीन नायब तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा ने जमीन कब्जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मुकदमे में कुल 37 लोगों को नामजद किया गया था। सभी पर आरोप है कि उन्होंने जेल के फांसीघर की सरकारी जमीन को कागजों में हेराफेरी करके खरीद लिया और उस पर मकान भी बना लिए।
नायब तहसीलदार की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि यह जमीन सरकारी संपत्ति थी, इसलिए इसे बेचना या खरीदना गैरकानूनी था। पुलिस की जांच में पाया गया कि जमीन बेचने और खरीदने वाले सभी को नामजद किया गया।
जांच के दौरान यह सामने आया कि जमीन खरीदने का निर्णय आजम खां के निर्देश पर लिया गया। खरीदारों ने पूछताछ में माना कि उन्होंने जमीन आजम खां की सलाह पर खरीदी। इस आधार पर चार्जशीट में आजम खां को धारा 120 बी (षड्यंत्र रचना) के तहत शामिल किया गया। उनके बेटे का भी नाम आरोप पत्र में है।
आजम खां की मां की मौत हो चुकी है, इसलिए उनका नाम आरोप पत्र से हटा दिया गया। मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रहा है। अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।