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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार पुलिस ने देशभर में पासपोर्ट आवेदनों के सबसे तेज़ सत्यापन का रिकॉर्ड बनाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस सराहनीय कार्य के लिए विदेश मंत्रालय ने बिहार पुलिस को 'सर्टिफिकेट ऑफ रिकॉग्निशन' से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित समारोह में आईजी राकेश राठी ने विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा से प्राप्त किया।

मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विशेष शाखा के एडीजी सुनील कुमार ने जानकारी दी कि पांच लाख से कम आवेदनों वाले राज्यों में बिहार को पहला स्थान मिला है। फिलहाल बिहार में पासपोर्ट सत्यापन का औसत समय केवल 12 मिनट है, जो बीते 5 वर्षों में 18 मिनट से घटकर यहां तक पहुंचा है। अब इस औसत को 10 मिनट से भी कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस दिशा में काम करते हुए राज्य के 1128 थानों को पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए विशेष टैब दिए गए हैं, जिससे प्रक्रिया और तेज हो सके।

सिवान जिला सबसे आगे, सबसे ज्यादा पासपोर्ट आवेदन

2024 में बिहार में कुल 4,38,994 पासपोर्ट आवेदन आए थे। इनमें सिवान जिले से सबसे अधिक 63,000 आवेदन आए, इसके बाद गोपालगंज (52,000) और पटना (40,000) का नंबर रहा। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण से भी बड़ी संख्या में आवेदन सामने आए हैं। इन जिलों में तेजी से सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए एक से अधिक डीएसपी को डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा दी जा रही है।

सबसे कम आवेदन खगड़िया जिले से प्राप्त हुए हैं, लेकिन यहां पासपोर्ट वेरिफिकेशन का औसत समय केवल 5 दिन है, जो बहुत ही सराहनीय है।

अब मिल रहा हाईटेक चिप वाला पासपोर्ट

एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि मई 2025 से अब नए पासपोर्ट में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप जोड़ी जा रही है। इस चिप में प्रवास और अन्य आवश्यक जानकारी सेव रहेगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और भी सुविधाजनक होंगी।

इसके साथ ही, अगर किसी आवेदक का पासपोर्ट सत्यापन 15 दिन से कम समय में पूरा कर लिया जाता है, तो बिहार पुलिस को प्रति आवेदन 150 रुपये की प्रतिपूर्ति मिलती है। वर्ष 2024 में इस मद में पुलिस को 19.89 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। अब पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पासपोर्ट वेरिफिकेशन कोर्स को भी जोड़ा जाएगा, ताकि आने वाले समय में यह प्रक्रिया और प्रभावी बनाई जा सके।