लखनऊ। वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। समता संपर्क अभियान उत्तर प्रदेश ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से प्रशासन द्वारा छीनी गयी संघ की जमींन आदि वापस दिलाने की मांग की है। सर्व सेवा संघ महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनो को साकार करने के लिए सतत प्रयासरत है। बताते चलें कि सर्व सेवा संघ और उत्तर रेलवे के बीच इस ज़मीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा था। विवाद की सुनवाई करते हुए डीएम एस. राजलिंगम ने रेलवे के पक्ष में फ़ैसला सुनाया और सर्व सेवा संघ का निर्माण अवैध क़रार दिया था।
उल्लेखनीय है कि सर्व सेवा संघ की स्थापना भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में मार्च 1948 में हुई थी। आचार्य विनोबा भावे के मार्गदर्शन में क़रीब 62 साल पहले सर्व सेवा संघ भवन की नींव रखी गई थी। सर्व सेवा संघ का मक़सद महात्मा गांधी के विचारों का प्रचार-प्रसार करना था। गांधीवादियों का कहना है कि यह सिर्फ ज़मीन का मामला नहीं है, बल्कि यह गांधी के विचारों को ज़मींदोज़ करने का प्रयास है।
समता संपर्क अभियान उत्तर प्रदेश के संयोजक विजय श्रीवास्तव ने केंद्र की एनडीए सरकार से गांधी, लोकनायक जय प्रकाश, संत विनोवा भावे के स्मृति केंद्र सर्व सेवा संघ वाराणशी की प्रतिष्ठा और वजूद को बनाये रखने और उसकी ज़मीन वापस सर्व सेवा संघ को दिलाने का आग्रह किया है। श्रीवास्तव ने कहा यह यह देश गांधी, जेपी, संत विनोबा भावे, डॉ लोहिया और समाजवादी चिंतक किशन पटनायक का है।इन महान नेताओं की विचारधारा से ही भारत विश्वगुरु बनेगा।
विजय श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा कि लोकनायक जेपी लोकतंत्र और समतामूलक समाज के लिए और गांधी जी के ग्राम स्वराज के सपनो को साकार करने के लिए सर्व सेवा संघ से जुड़े थे। सर्व सेवा संघ गांधी जी के विचारधारा का एक़ सशक्त केंद्र है। इसके माध्यम से सर्वोदयी लोग गांधी जी की विचार धारा को जन-जन तक फैला रहे हैं। विजय श्रीवास्तव ने सर्व सेवा संघ की ज़मीन को बचाने के लिए चलाये जा रहे सत्याग्रह आंदोलन का नैतिक समर्थन किया है।