Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खेतों में जल रही पराली का धुआं अब केवल वहां की हवा नहीं, बल्कि हमारी सीमाओं को पार कर चंडीगढ़ तक पहुंच गया है। पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई की संयुक्त टीम रोज़ाना सैटेलाइट डेटा के जरिए इन आगजनी के मामलों पर नज़र रख रही है। आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में पराली जलाने के मामले भारत के मुकाबले कई गुना ज्यादा हैं। यही वजह है कि हवाओं के साथ यह जहरीला धुआं चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहा है।
क्या कहती हैं ताजा रिपोर्ट्स?
- पाकिस्तान के पंजाब में पराली जलाने के मामले भारत के पंजाब की तुलना में 88.8% अधिक हैं।
- 1 सितंबर से अब तक पाकिस्तान में 4,350 मामले दर्ज किए गए, जबकि भारत के पंजाब में 484 और हरियाणा में 340।
- सिर्फ दीपावली के दिन ही पाकिस्तान में 1,768 घटनाएं हुईं, जबकि भारत में पंजाब में 200 और हरियाणा में 65।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, पंजाब में अब तक सिर्फ 33% धान की कटाई पूरी हुई है, यानी 67% फसल अभी बाकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे कटाई बढ़ेगी, वैसे-वैसे चंडीगढ़ की हवा और ज़हरीली होगी। पीजीआई के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र खैवाल के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से उठता धुआं आने वाले दिनों में शहर की हवा को प्रभावित करेगा।
हवा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर असर
डॉ. खैवाल का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह में पाकिस्तान की पराली का असर चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा दिख सकता है। उस दौरान एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 पार कर सकता है, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। बुजुर्ग, बच्चे और सांस के मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो आने वाले हफ्तों में चंडीगढ़ का आसमान धुंध से ढक जाएगा और शहर की सांसें भारी हो जाएंगी।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) स्थिति
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम प्रदूषित
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 400+: गंभीर




