Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “जीरो पावर्टी अभियान” को केवल योजना नहीं, बल्कि एक मिशन के रूप में चलाने का संकल्प लिया है। उनका उद्देश्य साफ है—राज्य के हर गरीब परिवार तक सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुँचाना, ताकि कोई भी परिवार बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे।
पहले चरण में राशन कार्ड, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जैसी प्रमुख योजनाओं से लाभार्थियों को जोड़ा गया। अब दूसरे चरण में इस अभियान को और व्यापक बनाया गया है। इस चरण में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जलजीवन मिशन, विद्युत कनेक्शन, शिक्षा और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य हर गरीब परिवार को ऊर्जा, स्वच्छता, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन की मूलभूत सुविधाएं देना है।
हर गरीब को सम्मानजनक जीवन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि “जीरो पावर्टी” केवल योजनाओं तक सीमित न रहे। उनका संदेश है कि यह अभियान गरीबों के लिए स्थायी बदलाव का माध्यम बने। इसका मकसद गरीबी के चक्र को तोड़ना और उत्तर प्रदेश को एक गरीबी मुक्त राज्य बनाना है। यह अभियान मुख्यमंत्री योगी के “विकास मॉडल” की भी मिसाल है, जिसमें विकास केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि हर गरीब परिवार के जीवन में दिखाई देता है।
योजनाओं से जीवन होगा खुशहाल
दूसरे चरण में अटल आवासीय योजना भी शामिल है। इसके तहत निराश्रित बच्चों को सुरक्षित आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत कमजोर वर्ग की बालिकाओं को उनके विकास लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद दी जा रही है।
इसके अलावा, बाल सेवा योजना में सभी अनाथ बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा। परिवार के सभी बच्चों को स्कूल में नामांकित करना और उज्ज्वला योजना के तहत हर परिवार को सेफ कुकिंग फ्यूल देना भी अभियान का हिस्सा है। एसबीएम ग्रामीण योजना के तहत हर घर में सैनिटरी टॉयलेट्स की सुविधा दी जा रही है। जलजीवन मिशन और विद्युत कनेक्शन योजनाओं के माध्यम से स्वच्छ पानी और नियमित बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
गरीबी की पहचान और सुधार
“जीरो पावर्टी” अभियान में विशेष ध्यान उन परिवारों पर दिया जा रहा है जिनके पास कृषि भूमि नहीं है, पक्का मकान नहीं है, या जिनके सदस्य वृद्ध, अनाथ या दिव्यांग हैं। शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। यह मॉडल तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है—डेमोग्रॉफी, असेट ओनरशिप और एजूकेशन एंड एम्प्लॉयबिलिटी। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर के अधिकारी इस अभियान को पूरी जिम्मेदारी के साथ लागू करें और 100% कवरेज सुनिश्चित करें।
इस पहल से उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों के जीवन में वास्तविक बदलाव आएगा और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा।




