Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश में एंगलिंग के बहाने मछलियों के साथ हो रही कथित क्रूरता को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर गंभीर रुख अपनाया है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह जनहित याचिका राज्य के पूर्व प्रमुख वन संरक्षक जय राज ने दायर की है। उनका कहना है कि एंगलिंग के नाम पर मछलियों को अनावश्यक दर्द और तकलीफ दी जा रही है, जो नियमों और नैतिक तौर पर सही नहीं है। जय राज ने बताया कि वन विभाग के मुखिया रहते हुए उन्होंने राज्य में एंगलिंग पर रोक लगाई थी, लेकिन वर्ष 2020 में सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया। उनके अनुसार यह फैसला राज्य के ही बनाए कानूनों का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में एंगलिंग पर प्रतिबंध लगना चाहिए, ताकि जलीय जीवों के साथ हो रही क्रूरता पर रोक लग सके। कोर्ट ने फिलहाल केंद्र और राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को निर्धारित की गई है।




