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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अघोरिया बाजार सेक्शन के एक बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) पर गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि जेई ने एक उपभोक्ता से रिश्वत लेकर बकाया बिजली बिल के बावजूद लाइन चालू करा दी। यह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है और मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है।

राजेश कुमार नामक व्यक्ति ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत सबसे पहले विद्युत अधीक्षण अभियंता से की थी। जब वहां से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने मुख्यमंत्री को ईमेल भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इस ईमेल की प्रतियां सीएमडी, अपर मुख्य सचिव, विद्युत विभाग और एसटीएफ तक भी भेजी गई हैं।

शिकायत के अनुसार, उपभोक्ता शेखर कुमार (कंज्यूमर नंबर: 11810006648) पर ₹2,78,300 का बकाया था, जो वर्ष 2021 से लंबित है। 30 मई को मात्र ₹20,000 जमा करवाकर नया स्मार्ट मीटर लगा दिया गया और बिजली फिर से चालू कर दी गई, जो नियमों के खिलाफ है।

जांच के आदेश हुए जारी

विद्युत अधीक्षण अभियंता ने सहायक विद्युत अभियंता, माड़ीपुर को मामले की जांच सौंप दी है। जब जेई से इस पर सफाई मांगी गई तो उन्होंने दावा किया कि पूरा बकाया जमा करा दिया गया है, लेकिन बिल में यह राशि कहीं दर्शाई नहीं गई।

माड़ीपुर के सहायक अभियंता जियाउल हक ने बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है। जेई के स्पष्टीकरण की भी जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर में बकाया धीरे-धीरे जोड़ा जाएगा और किस्तों में कटेगा। अगर स्मार्ट मीटर में पर्याप्त राशि नहीं रही, तो बिजली सप्लाई अपने आप बंद हो जाएगी।

सरकारी प्रक्रियाओं पर उठे सवाल

इस पूरे घटनाक्रम ने विद्युत विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना पूरे बकाया का भुगतान किए बिजली कनेक्शन दोबारा शुरू कर देना, वह भी कथित रूप से 'नजराना' लेकर, भ्रष्टाचार का स्पष्ट संकेत देता है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस मामले पर क्या एक्शन लेता है।