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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने चार साल के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। अब अपने पांचवें साल में वह महिलाओं के लिए एक विशेष उपहार देने की तैयारी में हैं — उत्तराखंड की पहली महिला नीति। इस नीति को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा, जिससे महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान का रास्ता खुलेगा।

पिछले चार वर्षों में धामी सरकार ने महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत और सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। इसके अलावा, पंचायत और निकाय चुनावों में पहले से ही महिला आरक्षण लागू है।

महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें प्रमुख हैं — महिला सारथी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना, एकल महिला स्वरोजगार योजना और ड्रोन दीदी योजना। महिला सारथी योजना के तहत देहरादून में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जहां महिलाएं ऑटो रिक्शा और दोपहिया वाहन चलाकर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा रही हैं।

मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि मातृशक्ति के बिना समाज की प्रगति अधूरी है। इसलिए महिला नीति के माध्यम से सरकार एक ऐसा नीति-निर्देश तैयार कर रही है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राज्य के समग्र विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा —
“उत्तराखंड की महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। जब तक उन्हें मजबूती नहीं मिलेगी, समाज आगे नहीं बढ़ सकता। इसी सोच के साथ हम महिला नीति लाने जा रहे हैं, जो महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।”