
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से देश का पहला पूरी तरह से स्वदेशी 4जी नेटवर्क राष्ट्र को समर्पित किया। यह केवल एक तकनीकी लॉन्च नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के सपनों को साकार करने का ऐतिहासिक क्षण है।
मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के उन पांच देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अपना पूरी तरह स्वदेशी 4जी टेलीकॉम स्टैक विकसित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से उत्तर प्रदेश को इस क्रांतिकारी उपलब्धि का खास लाभ मिलेगा। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लाइव टेलीकास्ट के जरिए यह समारोह देखा जा सकेगा, जहां मुख्यमंत्री योगी और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से स्वदेशी को आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ मानते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, स्वदेशी सिर्फ विकल्प नहीं बल्कि नए भारत की मजबूती का आधार है। इसी दृष्टि में बीएसएनएल की इस पहल से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों को नई डिजिटल सुविधा मिलेगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में 97,500 मोबाइल टावर और 443 स्वदेशी टावरों का उद्घाटन किया, जिन पर कुल मिलाकर लगभग 37,000 करोड़ रुपये की लागत आई। इससे उत्तर प्रदेश के 240 नेटवर्क से कटे गांवों में 24,000 से अधिक लोग पहली बार हाई-स्पीड डिजिटल कनेक्टिविटी का लाभ उठा पाएंगे।
यह पहल केवल शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि दूरस्थ और सीमावर्ती इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचाएगी, जहां पहले मोबाइल नेटवर्क या तो उपलब्ध नहीं था या सिर्फ 2जी तक सीमित था।
यूपी में 4जी सेवाओं का विस्तार
बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक यूपी ईस्ट, अरुण कुमार गर्ग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अब तक 6659 साइट्स पर 4जी सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं। इनमें से 142 साइट्स डिजिटल भारत निधि से मंजूर हुई थीं, जिनमें से 141 पर काम पूरा हो चुका है। यूपी सरकार ने इन साइट्स के लिए ग्राम सभा की भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई।
बॉर्डर आउट पोस्ट्स और बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट्स तक भी अब 4जी नेटवर्क पहुंच सकेगा। भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की 68 साइट्स मंजूर की गई हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों (चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र) में 2जी को 4जी में अपग्रेड किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की बड़ी उपलब्धि
बीएसएनएल, सी-डॉट, तेजस और टीसीएस ने मिलकर सिर्फ 22 महीनों में पूरी तरह स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी विकसित की, जिसे सॉफ्टवेयर के जरिए आसानी से 5जी में अपग्रेड किया जा सकेगा। इससे यूपी सहित देश के लगभग 26,700 दूरदराज के गांव डिजिटल नेटवर्क से जुड़े हैं, और 20 लाख से अधिक नए सब्सक्राइबर लाभान्वित होंगे।
उत्तर प्रदेश के पिछड़े और सीमावर्ती इलाकों को प्राथमिकता दी गई है। अब भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है जिसने पूरी तरह स्वदेशी 4जी टेलीकॉम स्टैक विकसित और लागू किया है। बीएसएनएल के कुल 92,600 4जी टावरों में से 18,900 टावर डिजिटल भारत निधि के तहत लगाए गए हैं।
बीएसएनएल की वित्तीय मजबूती
करीब 18 साल में पहली बार बीएसएनएल ने लगातार दो तिमाहियों में लाभ दर्ज किया। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 2,262 करोड़ और चौथी तिमाही में 280 करोड़ का लाभ हुआ। कुल वार्षिक घाटा 58% घटकर 2,247 करोड़ पर आ गया। परिचालन राजस्व 7.8% बढ़कर 20,841 करोड़ हो गया। EBITDA दोगुना बढ़कर 5,396 करोड़ और मार्जिन 23.01% हुआ।
ये उपलब्धियां दर्शाती हैं कि सरकारी निवेश और रणनीतिक पहल ने बीएसएनएल को वित्तीय मजबूती दी है।