img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आज, 14 मई, एक विशेष दिन है। आज बुधवार को रात्रि 11.20 बजे बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। यह चारागाह बहुत खास माना जाता है। करीब एक साल बाद बृहस्पति अपनी राशि बदलने जा रहा है। बृहस्पति 12 वर्षों के बाद मिथुन राशि में गोचर करेगा।

आज गुरु देव के गोचर के साथ ही गुरु की पारलौकिक चाल शुरू हो जाएगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अतिचरी चाल का अर्थ है बहुत तेज चलना। यहां बृहस्पति की अति तीव्र गति से तात्पर्य यह है कि बृहस्पति जिस राशि में मौजूद है, वहां वह सामान्य गति से नहीं चल रहा है, बल्कि बहुत तेजी से गोचर कर रहा है।

सामान्यतः बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 12 से 13 महीने का समय लगता है। लेकिन अगर वह देशद्रोही है तो वह जल्दी ही अपनी राशि बदल लेता है।

वर्ष 2025 में बृहस्पति का अगला राशि गोचर 18 अक्टूबर, शनिवार को प्रातः 9 बजकर 39 मिनट पर कर्क राशि में होगा। इस वर्ष बृहस्पति का अंतिम पारगमन शुक्रवार, 5 दिसंबर को अपराह्न 3:38 बजे होगा। बृहस्पति की यह प्रतिगामी गति 2032 तक जारी रहेगी।

वृषभ -

बृहस्पति की आक्रामक चाल के कारण वृषभ राशि के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान वृषभ राशि के जातकों को धन संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अपनी वाणी मधुर रखें, कठोर शब्दों के प्रयोग से बचें।

उपाय - गुरुवार को व्रत रखें और गुड़ और चने की दाल का प्रसाद बांटें।

शेर -

सिंह राशि वालों के लिए बृहस्पति की आक्रामक चाल नकारात्मक परिवर्तन लाएगी। यह समय विद्यार्थियों के लिए कठिन हो सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह अच्छा समय नहीं है।

उपाय- 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें।

वृश्चिक -

वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति की आक्रामक गति समस्याएँ पैदा कर सकती है। वृश्चिक राशि वालों को इस दौरान सावधान रहने की जरूरत है। बृहस्पति का अत्यधिक संचरण आपके लिए शुभ नहीं रहेगा। आपके काम में बाधाएं आ सकती हैं। महत्वपूर्ण कार्य में देरी हो सकती है। इसके अलावा आर्थिक मामलों में भी परेशानी हो सकती है।

उपाय- 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें।