
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब के बठिंडा जिले के गांव जीदा में 10 सितंबर को हुए दो धमाकों ने पूरे इलाके को हिला दिया। शुरुआत में इसे साधारण हादसा समझा गया, लेकिन जांच ने बड़ा खुलासा किया। यह विस्फोट किसी तकनीकी गलती या पटाखों का खेल नहीं, बल्कि कट्टरपंथी सोच से प्रभावित एक साजिश का हिस्सा थे।
धमाके में 19 वर्षीय गुरप्रीत सिंह बुरी तरह घायल हुआ। पुलिस जांच में सामने आया कि गुरप्रीत मोबाइल पर इस्लामी कट्टरपंथ से जुड़े वीडियो देखा करता था। इन्हीं वीडियो ने उसके दिमाग में देशविरोधी जहर भर दिया। बताया जा रहा है कि उसने इंटरनेट से विस्फोटक बनाने का सामान मंगवाया और मोबाइल देखकर खुद बम तैयार करने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान धमाका हो गया और उसका दायां हाथ काटना पड़ा।
घटना के बाद गुरप्रीत के पिता जगतार सिंह ने पुलिस को बिना सूचना दिए बेटे को अस्पताल पहुंचाया और घर की सफाई करने लगे। लेकिन तभी दूसरा विस्फोट हुआ, जिसमें वे खुद भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। गुरप्रीत के मोबाइल से जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और पाकिस्तान के अन्य आतंकियों से जुड़े नंबर मिले हैं। फोरेंसिक टीम फोन की जांच कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि उसने जम्मू जाने के लिए ट्रेन और कठुआ से लौटने के लिए बस का टिकट भी बुक किया था। आशंका है कि वह विस्फोटक लेकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में था, लेकिन उससे पहले ही हादसा हो गया।
एनआईए, आईबी और पंजाब पुलिस की टीमें मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं। घटनास्थल से बम निरोधक दस्ते ने सैंपल इकट्ठा किए हैं और घर को सील कर दिया गया है। आसपास के घरों को भी सुरक्षा के लिए खाली करवाया गया।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों के पास इतना मजबूत नेटवर्क होने के बावजूद इस तरह की तैयारी कैसे पकड़ में नहीं आई। यह चूक सुरक्षा तंत्र की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।