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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इज़राइल और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच संघर्ष तेज़ हो गया है। इज़राइल पर हाल ही में हुए क्लस्टर बम हमले के बाद, इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने यमन की राजधानी सना में हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले ऊर्जा केंद्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे व्यापक तबाही हुई। इज़राइल का दावा है कि हूती विद्रोही ईरान के इशारे पर काम कर रहे हैं।

यमन द्वारा इज़राइल पर हाल ही में किए गए हमलों के जवाब में, इज़राइल ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले किए हैं। इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने यमन की राजधानी सना में एक बिजली संयंत्र और एक गैस स्टेशन सहित सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। आईडीएफ के अनुसार, हूती विद्रोही ईरानी सरकार के इशारे पर इज़राइल और उसके सहयोगियों पर हमले करते हैं। हूती विद्रोही 22 महीनों से भी ज़्यादा समय से इज़राइल पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर रहे हैं, और उनका कहना है कि वे गाजा युद्ध में फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं।

इज़राइल के हमलों का कारण

इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि यमन की राजधानी सना में किए गए हवाई हमले इज़राइल पर हाल ही में हुए हमलों का सीधा जवाब थे। इन हमलों का मुख्य उद्देश्य हूती विद्रोहियों के ऊर्जा केंद्रों और सैन्य ठिकानों को नष्ट करना था। इनके निशाने पर एक बिजली संयंत्र, एक गैस स्टेशन और राष्ट्रपति भवन में एक सैन्य संरचना शामिल थी, जिसका इस्तेमाल हूती अपनी सैन्य गतिविधियों के लिए कर रहे थे।

ईरान के साथ संबंध

इज़रायली सेना ने साफ़ तौर पर कहा है कि हूती विद्रोही ईरानी सरकार के इशारे पर इज़रायल और उसके सहयोगियों पर हमला कर रहे हैं। यह बयान इस संघर्ष में ईरान की भूमिका को और उजागर करता है। हूती विद्रोही ख़ुद स्वीकार करते हैं कि वे गाज़ा युद्ध के कारण फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए ये हमले कर रहे हैं। 22 महीनों से ज़्यादा समय से, वे इज़रायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं और लाल सागर में जहाजों को भी निशाना बना रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों के लिए भी ख़तरा बढ़ गया है।

यमन में इज़राइली हवाई हमले क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकते हैं। इन हमलों से भू-राजनीतिक स्थिति और जटिल होने की संभावना है। युद्धग्रस्त देश यमन में, हूती विद्रोही पहले से ही स्थानीय सरकार और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ युद्धरत हैं। अब, इज़राइली हमले वहाँ मानवीय संकट को और बढ़ा सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए शांति बनाए रखना और भी मुश्किल बना सकते हैं।