Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस नई व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू कर दिया है। इसके तहत रजिस्ट्री से पहले जमीन का अद्यतन रिकॉर्ड, स्वामित्व की स्थिति और दाखिल-खारिज की प्रविष्टियों की जांच की जाएगी। इससे मृत व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री, फर्जी वारिसों के जरिए सौदे और कूटरचित दस्तावेजों पर स्वतः रोक लग सकेगी।
प्रशासन की इस पहल से एक ही जमीन को दो या तीन बार बेचने जैसे मामलों पर भी अंकुश लगेगा। भूमि अभिलेखों की जांच रजिस्ट्री से पहले होने के कारण धोखाधड़ी की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
आमजन की सुविधा के लिए रजिस्ट्री कार्यालय के पास एक विशेष कंप्यूटर कियोस्क भी शुरू किया गया है। यह राज्य का पहला ऐसा कियोस्क है, जहां ई-रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिए भूमि से जुड़ी सभी जानकारी मौके पर ही उपलब्ध होगी। लोग बिना किसी बिचौलिए के खतौनी, दाखिल-खारिज, भू-स्वामी का विवरण और जमीन की वर्तमान स्थिति देख सकेंगे।
इस डिजिटल व्यवस्था से लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे। साथ ही स्टांप शुल्क और पंजीकरण से जुड़े मामलों में भी पारदर्शिता आएगी। जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया है कि राजस्व बढ़ाने के नाम पर जनता के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस नई व्यवस्था की जानकारी ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचाई जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी सुरक्षित और जागरूक होकर भूमि लेन-देन कर सकें। प्रशासन का मानना है कि यह व्यवस्था न केवल आमजन का भरोसा बढ़ाएगी, बल्कि भूमि विवादों में भी कमी लाने में मददगार साबित होगी।




