
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी व्यापार नीतियों के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिए जाने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर भारत पर निशाना साधा है। ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को एकतरफा विफलता बताया और दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ कम करने की पेशकश की है, जो बहुत देर हो चुकी है।
एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने के अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल और सैन्य उपकरण खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम खरीदता है। ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ कम करने की पेशकश की है, लेकिन यह कदम बहुत देर से उठाया गया है, क्योंकि अमेरिकी कंपनियां भारत में सामान नहीं बेच सकतीं। यह बयान एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें मोदी ने साफ तौर पर कहा था कि भारत के पास व्यापार के लिए दूसरे विकल्प भी खुले हैं।
भारत-अमेरिका व्यापार पर ट्रम्प का आरोप
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, "कुछ लोगों को लगता है कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ खूब व्यापार करते हैं। इसकी वजह यह है कि भारत ने अब तक हम पर बहुत ज़्यादा टैरिफ लगाए हैं। यह पूरी तरह से एकतरफ़ा आपदा रही है।" इस बयान के ज़रिए ट्रंप ने सीधे तौर पर भारतीय व्यापार नीतियों पर अमेरिका के अनुकूल न होने का आरोप लगाया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में लगाए गए उच्च टैरिफ के कारण अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में अपना माल बेचना मुश्किल हो रहा है। इससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है और व्यापार असंतुलन पैदा हो रहा है।
ट्रंप ने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा, "उन्होंने (भारत ने) अब अपने टैरिफ पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। उन्हें यह सालों पहले कर देना चाहिए था।" यह बयान भारतीय राजनीतिक हलकों में गरमागरम बहस का विषय बन गया है।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री मोदी ने चीन यात्रा के दौरान एससीओ शिखर सम्मेलन में ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि व्यापार और संबंधों के लिए भारत के लिए कई विकल्प खुले हैं। यह बयान दर्शाता है कि भारत अब अमेरिका की एकतरफा नीतियों के आगे झुकने को तैयार नहीं है।
भारत , रूस और चीन एक मंच पर आ रहे हैं
अमेरिकी टैरिफ़ और एकतरफ़ा नीतियों के कारण विश्व राजनीति बदल रही है। एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत, रूस और चीन ने एक साथ आकर आपसी सहयोग मज़बूत करने की बात की, जो अमेरिका के लिए एक चुनौती है। इससे साफ़ है कि वैश्विक शक्ति संतुलन बदल रहा है और अमेरिका के फ़ैसलों को चुनौती देने के लिए नए राजनीतिक समूह उभर रहे हैं।
पीएम मोदी ने भारत के डेयरी और कृषि क्षेत्र की रक्षा की बात की, जबकि अमेरिका इन क्षेत्रों तक पहुँच बनाना चाहता है। पीएम मोदी ने कहा, "आज भारत अपने देश के मछुआरों और पशुपालकों के लिए तैयार है," और यह संकेत दिया कि भारत अपने किसानों और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।