
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को काफी गर्मागर्मी के साथ हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में संबोधन के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) पर सीधा हमला बोला। उनके भाषण के बीच और बाद में सपा के विधायक लगातार नारेबाजी और बेल में आकर विरोध करते रहे।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पहले कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित किया, लेकिन हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था। नतीजतन, सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच, सरकार ने अपने सभी विधेयक सदन में पेश कर दिए।
मुख्यमंत्री योगी ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा कि कुछ लोग उन्हें मोहरा बनाकर उनके कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने गोरखपुर विरासत कॉरिडोर के मुद्दे पर सपा की नकारात्मक राजनीति को विकास विरोधी बताया और कहा कि यह प्रोजेक्ट शहर के पुराने बाजार, घंटाघर और गीताप्रेस जैसे ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ने के लिए है।
सीएम ने दावा किया कि सपा सरकार के समय इस क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ और उस दौरान इन्सेफलाइटिस से हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत होती थी। उन्होंने कहा कि सपा के कार्यकाल में व्यापारियों पर ‘गुंडा टैक्स’ और भय का माहौल था, जिससे लोग आज भी नाराज़ हैं।
संभल और बहराइच के उदाहरण देते हुए योगी ने आरोप लगाया कि सपा हमेशा अराजकता फैलाने और विकास कार्यों में बाधा डालने का काम करती रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए की सरकार विकास को प्राथमिकता देती है, जबकि सपा इसे बर्दाश्त नहीं कर पाती।
सत्र की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों का स्वागत किया और इसे उत्तर प्रदेश की प्रगति के लिए अहम अवसर बताया।