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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे हैं। वे यहां राजनीतिक यात्रा पर हैं, जहां वे ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।      

                                                                                                          

यह यात्रा भारत और ब्राजील के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है, जिसमें व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।

शिव तांडव से स्वागत

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ब्रासीलिया की अपनी यात्रा के दौरान वह ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

दोनों देश वार्ता में अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संपर्क जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री की इस यात्रा को भारत और ब्राजील के बीच आपसी सहयोग और संबंधों को नई दिशा देने के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की

ब्रासीलिया पहुंचने के बाद होटल में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। वहां रह रहे भारतीयों ने पारंपरिक तरीके से पीएम मोदी का स्वागत किया, जिससे वहां उत्सव जैसा माहौल बन गया।

रणनीतिक साझेदारी के लिए एक नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी का ब्रासीलिया पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनकी यात्रा से भारत और ब्राजील के बीच बहुआयामी सहयोग और गहरा होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच 2006 से रणनीतिक साझेदारी कायम है, जिसे अब और बढ़ाया जा रहा है।

व्यापार और रक्षा क्षेत्र पर रहेगा ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति के बीच बातचीत में व्यापार और रक्षा सबसे अहम मुद्दे रहने की संभावना है। भारत और ब्राजील दोनों ही उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं और आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कोई समझौता हो सकता है।