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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश में दो हजार से अधिक सड़कों के निर्माण कार्यों की राह अब लंबी होती दिख रही है। प्रदेश के नागरिकों को इन सड़कों के लिए अब अक्टूबर तक इंतजार करना पड़ेगा। कारण है लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना में हो रही देरी। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और इसके चलते करीब 6,900 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य फिलहाल ठप हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो खुद इस विभाग के मंत्री भी हैं, ने हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में इस लापरवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि प्रदेश की हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दो से तीन विकास कार्य अवश्य कराए जाएं। इसके लिए उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि 30 जून तक सभी सड़कों और अन्य विकास परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे जाएं।

फिलहाल प्रदेश में 83 राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण का कार्य जारी है। इसके अलावा 38 प्रमुख जिला मार्गों और 726 अन्य जिला मार्गों के साथ-साथ 141 धार्मिक मार्गों के सुधार की योजना प्रस्तावित है। लॉजिस्टिक योजनाओं के तहत 21 मार्गों को चौड़ा करने की योजना है और 309 विधानसभा क्षेत्रों में स्थित 1,114 ग्रामीण सड़कों के नव-निर्माण की योजना भी तैयार की जा रही है। कुल मिलाकर 2,000 से ज्यादा सड़क परियोजनाओं पर 6,900 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब योजना में देरी हुई हो। पिछले साल भी ऐसी ही सुस्ती के कारण विभाग को 7,000 करोड़ रुपये का बजट सरकार को वापस करना पड़ा था। अब फिर वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है। मुख्यमंत्री ने भले ही स्पष्ट निर्देश दिए हों कि विकास कार्य समय से पूरे हों और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो, पर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। विभागीय अफसरों की निष्क्रियता से प्रदेश का विकास एक बार फिर पटरी से उतरता नजर आ रहा है।