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Prabhat Vaibhav, Digital Desk: 2022 से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध अब 2025 में और आक्रामक होता दिख रहा है। ताजा घटनाक्रम में रूस ने यूक्रेन के लगभग सभी प्रमुख इलाकों पर 400 से ज्यादा ड्रोन और 40 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। रूस ने यूक्रेन के जिन इलाकों पर हमला किया उनमें वोलिन, लविव, टेरनोपिल, कीव, सूमी, पोल्टावा, खमेलनित्सकी, चर्कासी और चेर्निहिव शामिल हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्विटर (पहले ट्विटर) पर एक भावुक और गुस्से वाला बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी वायु सेना कई मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने में कामयाब रही, लेकिन तीन आपातकालीन सेवा कर्मियों की मौत की पुष्टि हुई और 49 घायल हो गए। मलबा हटाने और बचाव अभियान जारी है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने आगे कहा कि रूस अपनी नीति नहीं बदल रहा है। वह आम लोगों को निशाना बना रहा है। यह युद्ध अब सिर्फ़ यूक्रेन का युद्ध नहीं रह गया है, यह मानवता का युद्ध है। उन्होंने कहा कि रूस को अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी के दायरे में लाया जाना चाहिए। अमेरिका, यूरोप और पूरी दुनिया को अब निर्णायक दबाव लाना होगा। अगर वैश्विक नेता चुप रहते हैं, तो यह भी एक तरह की मिलीभगत है। अब निर्णायक कार्रवाई करने का समय आ गया है, सिर्फ़ समर्थन से युद्ध नहीं रुकेगा।

रूस-यूक्रेन में अंतर्राष्ट्रीय भूमिका

यूक्रेन ने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अकेले लड़ते-लड़ते थक चुका है। उसे उम्मीद है कि नाटो, यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य सहयोगी रूस पर आर्थिक प्रतिबंध और कड़े करेंगे। हथियारों और सैन्य संसाधनों की आपूर्ति में तेज़ी लाएंगे। कूटनीतिक दबाव बनाएंगे और रूस को बातचीत के लिए राजी करेंगे।

यूक्रेन को अब तक क्या समर्थन मिला है?

रूस के खिलाफ़ युद्ध में यूक्रेन की मदद कई लोगों ने की है। इस दौरान अमेरिका की तरफ़ से कई बार सुरक्षा सहायता पैकेज मुहैया कराए गए। यूरोप ने उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराए। नाटो ने अपनी सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी। हालांकि, इसके बावजूद ज़ेलेंस्की को लगता है कि रूस के खिलाफ़ चल रही जंग में उन्हें मिल रहा समर्थन काफ़ी नहीं है। आपको बता दें कि 2022 से अब तक हज़ारों रूसी नागरिक मारे जा चुके हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। इसका यूक्रेन की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर बुरा असर पड़ा है।