
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बदरीनाथ धाम में पारंपरिक पूजा स्थलों पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों में गहरी नाराजगी है। तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि अगर जल्द ही अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस संबंध में उन्होंने पुलिस, प्रशासन और श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहित कई पीढ़ियों से बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना की परंपरा निभा रहे हैं। उन्हें तप्त कुंड, पंचशिला और अलकनंदा नदी के तट पर स्थित घाटों पर पूजा संपन्न कराने का विशेष अधिकार प्राप्त है। लेकिन हाल के वर्षों में इन पवित्र स्थलों पर बिना अनुमति के भोग-प्रसाद की दुकानें और काउंटर खोल दिए गए हैं।
श्री बदरीश पंडा पंचायत के अनुसार, करीब डेढ़ दर्जन अवैध काउंटर इन स्थानों पर लगा दिए गए हैं, जिससे तीर्थ यात्रियों को स्नान और कपड़े बदलने में कठिनाई हो रही है। साथ ही तीर्थ पुरोहितों को पूजा कराने में भी परेशानी हो रही है।
पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया ने बताया कि अतिक्रमण के कारण तीर्थ यात्रियों को असुविधा हो रही है और पुरोहितों के लिए पूजा की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है। धाम में पूजा स्थलों के पास बैठने की भी जगह नहीं बची है।
उन्होंने बताया कि भोग प्रसाद की दुकानों के लिए मंदिर समिति और प्रशासन ने पहले से निर्धारित स्थान तय कर रखे हैं, लेकिन कुछ लोग नियमों की अनदेखी कर इन पवित्र स्थलों पर अतिक्रमण कर रहे हैं। इस बारे में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हिमांशु द्विवेदी को एक लिखित पत्र भी सौंपा गया है।