
Prabhat Vaibhav, Digital Desk: सुबह की चाय के साथ पराठा खाया, दोपहर में मिठाई का एक टुकड़ा चखा और शाम को ऑफिस से लौटते ही फल खाया। फिर अचानक मुझे अपना शुगर चेक करने का मन हुआ। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप जिस समय अपना ब्लड शुगर चेक करते हैं, वह इसकी रिपोर्ट को सही या गलत साबित कर सकता है? डायबिटीज कोई आम बीमारी नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो समय, खान-पान और जीवनशैली से गहराई से जुड़ी हुई है। इसलिए ब्लड शुगर चेक करने का समय भी उतना ही ज़रूरी है जितना इसकी दवा या परहेज़...
उपवास रक्त शर्करा परीक्षण
यह सबसे आम और विश्वसनीय परीक्षण है। इसमें व्यक्ति को रात भर यानी कम से कम 8 घंटे तक बिना कुछ खाए-पीए उपवास करना पड़ता है। इसे सुबह के समय करना बेहतर होता है।
भोजनोपरांत रक्त शर्करा
यह परीक्षण भोजन के ठीक 2 घंटे बाद किया जाता है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि खाने के बाद शरीर कितनी चीनी को पचा सकता है। यह नाश्ते के बाद या दोपहर के भोजन के बाद किया जा सकता है।
यादृच्छिक रक्त शर्करा परीक्षण
यह परीक्षण दिन के किसी भी समय किया जा सकता है, चाहे आपने कुछ खाया हो या नहीं। यह आपातकालीन स्थिति में या मधुमेह का तुरंत पता लगाने के लिए किया जाता है।
एचबीए1सी परीक्षण
यह परीक्षण आपको बताता है कि पिछले तीन महीनों में आपका औसत रक्त शर्करा स्तर क्या रहा है। इसे करवाने के लिए आपको उपवास करने की ज़रूरत नहीं है। इसे हर 3 महीने में एक बार करवाया जा सकता है।
मधुमेह के प्रबंधन में समय का बहुत महत्व है। अगर गलत समय पर ब्लड शुगर की जांच की जाए तो इसका असर न केवल रिपोर्ट पर बल्कि उपचार और दवा के चुनाव पर भी पड़ सकता है। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही जांच करवाएं और बताए गए समय का पालन करें। सही समय पर की गई जांच ही सही शुगर लेवल के बारे में बता पाएगी।