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Prabhat Vaibhav, Digital Desk : राज ठाकरे की पार्टी से गठबंधन को लेकर उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार (6 जून) को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के दिल में जो होगा, वही होगा। उन्होंने कहा कि हमारे और हमारे शिवसैनिकों के मन में कोई भ्रम नहीं है। उनके (मनसे) मन में भी कोई भ्रम नहीं है। हम कोई संदेश नहीं देंगे, सीधे खबर देंगे।

उद्धव ठाकरे के बयान के बाद महाराष्ट्र का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। पिछले दिनों दोनों भाइयों के साथ आने की अटकलें राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी थीं। लेकिन इसमें कोई खास प्रगति नहीं देखी गई। लेकिन अब जब उद्धव ठाकरे ने बयान दिया है तो इससे संकेत मिलते हैं कि बातचीत अभी भी जारी है।

मनसे नेताओं की क्या राय है?

उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन के सवाल पर राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता ने कहा कि ये बातें कैमरे के सामने नहीं होती हैं। ऐसी चर्चाएं 2014 और 2017 में हुई थीं।

राज ठाकरे की पार्टी के नेता अविनाश देशपांडे ने कहा कि जब हमें गठबंधन को लेकर कोई मजबूत प्रस्ताव मिलेगा, तब राज ठाकरे इस पर फैसला लेंगे। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख के बयान पर देशपांडे ने कहा कि 2014 और 2017 में भी महाराष्ट्र की जनता के मन में कुछ था, लेकिन उद्धव ठाकरे के मन में नहीं था। देशपांडे ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम सीधी खबर देंगे, इसलिए अब इंतजार करते हैं और देखते हैं कि वह क्या खबर देते हैं।"

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा होने वाली है। इससे पहले दोनों भाई साथ आएंगे या नहीं, यह सवाल अभी भी बरकरार है। चर्चा यह भी है कि एकनाथ शिंदे की पार्टी स्थानीय निकाय चुनावों में राज ठाकरे के साथ गठबंधन करना चाहती है।

प्रकाश महाजन ने कहा कि राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े ठाकरे भाइयों को साथ लाने की योजना में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि मनसे ने 2014 और 2017 में भी ऐसा करने की कोशिश की थी। 

राज ठाकरे ने क्या कहा?

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बयानों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि दोनों फिर से साथ आना चाहते हैं। उनके बयानों से संकेत मिलता है कि वे 'छोटे-मोटे मुद्दों' को नजरअंदाज कर करीब 20 साल बाद हाथ मिला सकते हैं। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि मराठी मानुष (मराठी भाषी लोगों) के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है।