Shri Kedarnath Dham Pratistha Raksha Yatra को मिल रहे जनसमर्थन से बौखलाई भाजपा : सूर्यकांत

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देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में पिछले पांच दिनों से चल रही श्रीकेदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा (Shri Kedarnath Dham Pratistha Raksha Yatra) को मिल रहे जनसमर्थन से भाजपा में बौखलाहट व बेचैनी है। इससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनके मंत्री व भाजपा के पदाधिकारी यात्रा के विरुद्ध अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। यह बातें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर रविवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा के समर्थकों ने जो दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाने का काम किया उसके नाम पर जारी क्यूआर कोड से आज भी चंदा उगाही क्यों बंद नहीं की गई। उसका नाम बदलने का विधिवत निर्णय अभी तक क्यों नहीं किया गया। वे उल्टा कांग्रेस पर श्रीकेदारनाथ धाम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं और वर्ष 2013 की आपदा के बहाने अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जबकि 2013 की आपदा के समय जो मुख्यमंत्री थे, वे अब भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनके सुपुत्र भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

धस्माना ने कहा कि कांग्रेस की पदयात्रा श्रीकेदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए की जा रही है और हम पूरी दुनिया को बताना चाहते हैं कि उत्तराखंड में पांच केदार हैं और छठा केदार नहीं हो सकता, ना ही कोई नया केदार धाम बनाया जा सकता है। धस्माना ने कहा कि आज पूरा उत्तराखंड आपदा की गिरफ्त में है। कुमाऊं मंडल से लेकर गढ़वाल व तराई भाभर सभी जगह अतिवृष्टि के कारण भयंकर स्थितियां बनी हुई हैं। जान-माल का नुकसान हो रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग व सैकड़ों संपर्क मार्ग ध्वस्त हैं। जनजीवन प्रभावित है। राजधानी देहरादून में साहिया के पास मार्ग अवरूद्ध होने के कारण एक नवजात को हायर सेंटर नहीं लाया जा सका, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। सरकारी अस्पतालों में डाक्टर और दवाएं नहीं हैं।

धस्माना ने कहा कि चारधाम यात्रा रूट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। चमोली जिले में जोशीशमठ से लेकर बद्रीनाथ तक सड़क अनेक स्थानों से गायब हैं। केदारनाथ रूट पर गौरीकुंड के पास दो सौ मीटर से अधिक सड़क गायब है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार यमुनोत्री में खरसाली से लेकर बड़कोट तक सड़क क्षतिग्रस्त है, लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग लापता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल आदेश जारी कर अपने सभी मंत्रियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भेजना चाहिए।
 

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