ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में शनि को बेहद धीमी गति वाला ग्रह माना गया है। साथ ही इन्हे काफी खतरनाक भी मान गया है। शनि देव (Shani Dev) का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे घबरा जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में आने में लगभग ढ़ाई साल का समय लगता है। मौजूदा समय में शनिदेव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं लेकिन जल्द ही वह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे।
कहते हैं जब शनिदेव (Shani Dev) स्थान बदलते हैं तो किसी राशि पर शनि की ढैय्या और किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती चलने लगती है। ज्योतिषी (Astrology) के मुताबिक जिन-जिन राशि पर शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या चलती है उस राशि के जातकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं शनि गोचर के समय जिन राशि से शनिदेव निकलेंगे उन जातकों को शनी की महादशा से राहत मिलेगी। आइये जानते हैं किस राशि को शनि की महादशा से मुक्ति मिलने वाली है
आने वाले 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से निकलकर कुंभ राशि में विराजमान हो जायेंगे। शनि (Shani Dev) के राशि परिवर्तन से धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से निजात मिल जाएगी। साथ ही मिथुन और तुला राशि वालों पर से भी शनि की ढैय्या का प्रकोप खत्म हो जायेगा। (Astrology)
29 अप्रैल मकर राशि से कुंभ राशि में करीब 30 साल बाद शनि देव (Shani Dev) गोचर करेंगे। इसके बाद 12 जुलाई से फिर से वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर करने लगेंगे। शनि की वक्री अवस्था का अर्थ उल्टी चाल से है। इससे मिथुन, तुला व धनु राशि वालों पर एक बार फिर से शनि की दशा शुरू हो जाएगी। इन तीन राशि वालों को साल 2023 में शनि की दशा से पूरी तरह से छुटकारा मिलेगा। (Astrology)
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