बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप, जानें क्या है पूरा मामला
अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की जैसी दुर्दशा आज हो रही है, किसी भी अमेरिकी प्रेसिडेंट की कभी नहीं हुई।
अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की जैसी दुर्दशा आज हो रही है, किसी भी अमेरिकी प्रेसिडेंट की कभी नहीं हुई। ऐसा नहीं है कि ढाई सौ साल के इतिहास में किसी अमेरिकी प्रेसिडेंट पर कभी महाभियोग चला ही नहीं। ट्रम्प के पहले तीन प्रेसिडेंटयों पर महाभियोग चले हैं। 1865 में एंड्रू जॉनसन पर, 1974 में रिचर्ड निक्सन पर और 1998 में बिल क्लिंटन पर! इन तीनों प्रेसिडेंटयों पर जो आरोप लगे थे, उनके मुकाबले ट्रम्प पर जो आरोप लगा है, वह अत्यधिक गंभीर है।
ट्रम्प पर राष्ट्रद्रोह या तख्ता-पलट या बगावत का आरोप लगा है। अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के निम्न सदन- प्रतिनिधि सदन- ने ट्रम्प के विरोध में 205 के मुकाबले 223 वोटों से जो महाभियोग का प्रस्ताव पारित किया है, वह अमेरिकी संविधान, लोकतंत्र की भावना और शांति-भंग के सुनियोजित षड्यंत्र का आरोप ट्रम्प पर लगा रहा है। ट्रम्प अब अमेरिका के संवैधानिक इतिहास में ऐसे पहले खलनायक के तौर पर जाने जाएंगे, जिनपर चार साल में दो बार महाभियोग का मुकदमा चला है।
अब ये प्रस्ताव उच्च सदन (सीनेट) में जाएगा। 100 सदस्यीय सीनेट के अध्यक्ष हैं, रिपब्लिकन पार्टी के नेता और उप-प्रेसिडेंट माइक पेंस! पेंस की सहमति होती तो ट्रम्प को बिना महाभियोग चलाए ही चलता किया जा सकता था। अमेरिकी संविधान के 25 वें संशोधन के अनुसार उप-प्रेसिडेंट और आधा मंत्रिमंडल, दोनों सहमत होते तो ट्रम्प को बीते हफ्ते ही हटाया जा सकता था किंतु पेंस ने यह गंभीर कदम उठाने से मना कर दिया है।
अब सीनेट भी उन्हें तभी हटा सकेगी, जबकि उसके 2/3 सदस्य महाभियोग का समर्थन करें। इसमें दो अड़चने हैं। एक तो सीनेट का सत्र 19 जनवरी को आहूत होना है। उस दिन याने एक दिन पहले ट्रम्प को हटाना मुश्किल है, क्योंकि इस मुद्दे पर बहस भी होगी। 20 जनवरी को वे अपने आप हटेंगे ही।
दूसरी समस्या ये है कि सीनेट में अब भी ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के 52 सदस्य हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी के 48, जो दो नए डेमोक्रेट जीते हैं, उन्होंने अभी शपथ नहीं ली है और 67 सदस्यों से ही 2/3 बहुमत बनता है। इसके अलावा माइक पेंस एक भावी प्रेसिडेंट के उम्मीदवार के नाते अपने रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटरों को नाराज़ नहीं करना चाहेंगे। वे बाइडन की शपथ के बाद भी महाभियोग जरूर चलाना चाहेंगे ताकि ट्रम्प दुबारा चुनाव नहीं लड़ सकें और रिपब्लिकन पार्टी उनसे अपना पिंड छुड़ा सके। कई रिपब्लिकन सीनेटर और कांग्रेसमेन ट्रम्प के विरुद्ध खुलेआम बयान दे रहे हैं। अमेरिकी सेनापतियों ने भी संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराकर अपनी मन्शा प्रकट कर दी है।