फिर टूटेगी बसपा! सख्त हुए बागी विधायक, स्पीकर से मुलाकात, ये है प्लान …
जल्द हम नई राजनीतिक पारी की शुरुआत नई ऊर्जा के साथ करेंगे - असलम राईनी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ विधान मंडल का बजट सत्र शुरू हो गया है। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले बहुजन समाज पार्टी नौ बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से मुलाकात कर सदन में अलग बैठाने की व्यवस्था करने की मांग की। बसपा सुप्रीमों मायावती ने की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में भी बागी विधायकों को नहीं बुलाया गया था। इसलिए बागी विधायकों के तेवर और भी सख्त हो गए हैं।
बसपा के बागी विधायक असलम राईनी ने कहा कि बागी विधायकों की संख्या नौ हो गई है। अब बसपा के पास मात्र छह विधायकों की संख्या बची है। असलम राईनी ने कहा कि हमारी संख्या अब पार्टी के संख्या से अधिक है। बहुत जल्द हम नई राजनीतिक पारी की शुरुआत नई ऊर्जा के साथ करेंगे।
बागी विधायकों में असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर), वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़), रामवीर उपाध्याय और अनिल सिंह शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि बसपा सुप्रीमों मायावती ने तीन माह पूर्व बसपा के सात विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया था। दो विधायक को वह पहले से ही निष्कासित कर चुकी थी। ऐसे में अब बसपा के बागी विधायकों की संख्या नौ हो चुकी है। आगामी विधानसभा चुनाव में इन बागी विधायकों की भूमिका अहम हो सकती है।
इन परिस्थितियों में बसपा का एकबार फिर टूटना तय हो गया है। इसके पहले भी बसपा कई बार टूट चुकी है। हालांकि मायावती लीक से हटकर सियासी फैसले लेती रही हैं। बसपा सूत्रों का कहना है कि बागी विधायकों के जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। पार्टी समर्थक हर चीज को बखूबी समझते हैं। वहीं यूपी की सियासत के जानकारों का कहना है कि मायावती के नेतृत्व में बसपा अवसान की ओर बढ़ रही है। ताजा घटनाक्रम भी इसी का संकेत है।