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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : संविधान दिवस 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन, लखनऊ में आयोजित समारोह में कहा कि भारत का संविधान केवल अधिकारों का ग्रंथ नहीं, बल्कि कर्तव्यों का पवित्र दायित्व भी है। उन्होंने चेताया कि जब कोई नागरिक केवल अधिकारों की बात करता है और अपने कर्तव्यों की अनदेखी करता है, तो लोकतंत्र कमजोर हो जाता है। कर्तव्यों के बिना अधिकार सुरक्षित नहीं रह सकते।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव आंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं ने दो वर्ष 11 महीने 18 दिन की मेहनत से दुनिया का सबसे समावेशी संविधान दिया। इसका अनादर करना न केवल संविधान का, बल्कि बाबा साहेब और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी की पीड़ा न देखने वाली नई पीढ़ियां स्वतंत्रता का मूल्य भूल रही हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 से संविधान दिवस मनाना शुरू किया।

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ संकल्प का जिक्र करते हुए नागरिकों से पंच-प्रण अपनाने की अपील की। इन पंच प्रणों में शामिल हैं:

गुलामी की मानसिकता से मुक्ति

विरासत का सम्मान

वर्दीधारी बलों का सम्मान

सामाजिक एकता

नागरिक कर्तव्य का पालन

उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदार कार्य ही संविधान का सम्मान है। उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा:

छात्र समय पर पढ़ें

शिक्षक ईमानदारी से पढ़ाएं

व्यापारी निष्पक्ष व्यापार करें

सरकारी कर्मचारी फाइलें समय पर निस्तारित करें

सीएम ने आगाह किया कि कर्तव्यों में लापरवाही संविधान और राष्ट्र दोनों का अनादर है।

सामाजिक सौहार्द पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जाति, भाषा या क्षेत्र के नाम पर विद्वेष फैलाना भारत को कमजोर करने की कोशिश है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। विकसित उत्तर प्रदेश के लिए उन्होंने बताया कि अब तक 98 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं और हर पांच परिवार में से एक ने प्रदेश के विकास के लिए विचार साझा किए।

सीएम ने जोर दिया कि आत्मनिर्भर ग्राम, वार्ड और जनपद ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेंगे। कार्यक्रम में उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर को नमन किया और सभी का आभार व्यक्त किया।

पूर्व में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपरा अद्वितीय है और संविधान विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संविधान जितने अधिकार देता है, उतने ही कर्तव्य भी सौंपता है। हर नागरिक को संविधान में निहित मूल्यों—समानता, भाईचारा और कानून के शासन—का पालन करना चाहिए।

कार्यक्रम में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। समारोह में संविधान की उद्देशिका का शपथ पाठ, भारत माता और डॉ. आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित करना, और संविधान निर्माण पर आधारित लघु फिल्म शामिल थी।