किसानों का देशव्यापी चक्का जाम सपन्न, टिकैत ने सरकार को दिया अल्टीमेटम …
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में बुलाया गया किसानों का चक्का जाम शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के साथ सपन्न हो गया है। किसानों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य राज्यों में प्रमुख राजमार्गों को जाम किया। इस दौरान कई राजमार्गों पर प्रदर्शनकारी हाथ जोड़कर लोगों से समर्थन की अपील करते हुए दिखे। गणतंत्र दिवस पर हुए बवाल को देखते हुए आज दिल्ली की विशेष रूप से किलेबंदी की गई थी। दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा बालों के लगभग 50,000 जवान तैनात किये गए थे।
चक्का जाम के दौरान किसानों ने देश के अधिकांश राजमार्गों को जाम किया। जम्मू-पठानकोट हाईवे, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे और और शाहजहांपुर सीमा के पास राष्ट्रीय राजमार्गों पर किसानों की भारी भीड़ थी। चक्का जाम के दौरान पलवल-आगरा हाइवे पर प्रदर्शनकारी किसान ऐम्बुलेंस के लिए रास्ता बनाते हर नजर आये। किसानों ने मैसूर-बेंगलुरु हाइवे पर पूरे तीन घंटे तक चक्का जाम किया।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चक्का जाम का असर ज्यादा दिखा। हरियाणा के किसानों ने सोनीपत पर ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेस-वे पर ठीक बारह बजे जाम लगा दिया, जो तीन बजे तक चला। किसानों ने ट्रैक्टर और ट्रक लगाकर ईस्टर्न और एक्सप्रेसवे बंद किया। इस दौरान किसान एंबुलेंस और आवश्यक सेवाओं को छूट दे रखे थे। इसी तरह सोनीपत में कुंडली बॉर्डर के पास केजीपी-केएमपी को भी किसानों ने जाम किया।
तेलंगाना से खबर है कि चक्का जाम के दौरान हैदराबाद में हाइवे पर धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जबरन हटा दिया है। इधर दिल्ली के शहीद पार्क में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे 50 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। अभी तक की जानकारी के अनुसार देश में कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। किसानों को विपक्षी पार्टियों समेत आम जनता का भी सहयोग मिला।
तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार आज सुबह ग्यारह बजे से ही जत्थों में किसान राज मार्गों पर पहुंचने लगे थे। तमाम महिलायें, और पुरुष पैदल, गाड़ियों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर जाम स्थल पर पहुंचे। बारह बजते ही किसानों ने राज मार्गों को जाम कर दिया। किसानों ने कहा कि नए कृषि कानून वापस रद्द होने तक आंदोलन चलता रहेगा।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर आज पूरे देश देश में किसानों ने चक्का जाम किया। किसान नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को ही घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किसान चक्का जाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान यदि अगर कसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो दोषी व्यक्ति को दंड दिया जाएगा।
चक्का जाम शांतिपूर्ण ढंग से सपंन्न होने के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 02 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ बातचीत नहीं करेंगे। टिकैत ने कहा कि हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा।