किसान महापंचायत में गरजी प्रियंका, कहा – कांग्रेस सरकार आने पर खत्म होंगे राक्षस रूपी कानून
कांग्रेस का 'जय जवान-जय किसान अभियान' शुरू
सहारनपुर। अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। सूबे में भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूरी रणनीति तैयार की है, जिसके तहत ‘जय जवान-जय किसान अभियान’ शुरू किया गया है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को सहारनपुर में शाकुंभरी देवी का दर्शन कर इस अभियान के तहत किसान पंचायतों का शुभारंभ किया। इसके प्रियंका ने जिले के चिलकाना में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित किया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। किसानों से डटे रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ये आपकी जमीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिए। हम खड़े हैं, जब तक ये कानून वापस नहीं होते, तब तक डटे रहिए। जब कांग्रेस की सरकार आएगी ये कानून खत्म कर देगी। किसानों को अपनी उपज का पूरा दाम मिलेगा। प्रियंका ने कहा कि सरकार सरकारी मंडियों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इस सरकार ने रेलवे बेच दिया, कई सरकारी उपक्रम बेच दिए। ये सरकार सब कुछ बेच देना चाहती है।
महापंचायत में किसानों की उमड़ी भीड़ से उत्साहित कांग्रेस महासचिव ने कहा कि किसानों को देशद्रोही कहने वाला और उसका मजाक उड़ाने वाला कभी भी देश भक्त नहीं हो सकता। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम के 56 इंच के सीने में छोटा सा दिल है, जो किसानों के लिए नहीं अपने खरबपति दोस्तों के लिए धड़कता है। पीएम ने अपने लिए16 हजार करोड़ में दो जहाज खरीद डाले और 20 हजार करोड़ रुपए संसद भवन के सुंदरीकरण के लिए खर्च कर रहे हैं, जबकि गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया।
पूरे तेवर में नजर आ रही प्रियंका गांधी ने तीनों नए कृषि कानूनों की तुलना राक्षस से करते हुए कहा कि जैसे राक्षस दुर्गम ने तबाही मचाई थी। उस समय मां शाकंभरी ने लोगों का दुख दूर किया था। मां शाकंभरी अब किसानों का भी दुख दूर करेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों का यह यह आंदोलन अब नहीं थमेगा। कांग्रेस पूरी तरह से किसानों और मजदूरों के साथ है।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा 1955 में जवाहरलाल नेहरू ने जमाखोरी के खिलाफ कानून बनाए थे। इससे जमाखोरी पर अंकुश लगा था, लेकिन भाजपा की सरकार ने अपने कुछ अरबपति मित्रों को फायदा पह्गुंचाने के लिए इस कानून को खत्म कर दिया है। अब इन नए कानूनों से ये किसानों की उपज की कीमत खुद तय करेंगे।