नौसेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- चीन से भिड़ने के लिए तीनों सेनाओं ने कसी कमर
हिन्द महासागर में चीनी रिसर्च जहाजों से निपटने को हैं तैयार
नौसेना (indian navy) प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 के साथ-साथ उत्तरी सीमाओं के साथ यथास्थिति बदलने के चीनी प्रयासों ने नई चुनौतियां पेश की हैं। इन दोनों चुनौतियों का सामना करने के लिए नौसेना (india navy) तैयार है। उन्होंने कहा कि नौसेना (india navy) की गतिविधियां भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ ’घनिष्ठ समन्वय और तालमेल’ में हैं और तीनों सेनाएं चीन की हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।
एडमिरल ने रक्षा मंत्रालय के पास धन की कमी का हवाला देते हुए कहा कि नौसेना (india navy) को इस समय तीसरे विमान वाहक की तत्काल जरूरत है, फिर भी नौसेना (india navy) परिचालन बढ़त बनाए रखने के लिए मामले को आगे बढ़ा रही है। एडमिरल करमबीर सिंह ने नौसेना (india navy) दिवस से एक दिन पूर्व वार्षिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने सेना और भारतीय वायु सेना की आवश्यकता पर विभिन्न स्थानों पर पी-8 आई विमान तैनात किए हैं।
इसके अलावा हमने उत्तरी सीमाओं पर हेरोन निगरानी ड्रोन तैनात किए हैं। जब उनसे चीन से खतरों से निपटने में नौसेना (india navy) की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नौसेना (india navy) की गतिविधियां भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ ’घनिष्ठ समन्वय और तालमेल’ में हैं और तीनों सेनाएं चीन की हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।
एडमिरल सिंह ने आगे कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में आने वाले चीन के रिसर्च जहाजों से निपटने के लिए उनके पास एक एसओपी तैयार है। उन्होंने कहा कि अब तक तीन चीनी युद्धपोत हिन्द महासागर क्षेत्र में हैं। चीनी विरोधी समुद्री डकैती के लिए 2008 से भारतीय नौसेना (india navy) के तीन जहाज समुद्र में रखवाली कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच मई की शुरुआत से ही पूर्वी लद्दाख में गतिरोध है। अब तक दोनों पक्षों के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के आठ दौर हो चुके हैं। भारत-चीन के बीच जून में तब और तनाव बढ़ गया जब हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए।
भारतीय नौसेना (india navy) चीनी वायरस और चीन की सेना यानी दोहरी चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले से ही तैयार थी, इसलिए सेना और वायुसेना के साथ तालमेल में नौसेना (india navy) अभी भी हर मुकाबले के लिए तैयार है। एडमिरल करमबीर सिंह ने तीसरे कैरियर क्राफ्ट की तत्काल जरूरत बताते हुए यह भी कहा कि रक्षा मंत्रालय के पास धन की कमी है, फिर भी नौसेना (india navy) परिचालन बढ़त बनाए रखने के लिए मामले को आगे बढ़ा रही है।
तीसरे विमान वाहक की आवश्यकता पूरी करने के लिए तकनीकी जानकारी इकट्ठा करने के बाद अधिग्रहण के लिए इस मामले को औपचारिक रूप से सरकार के पास ले जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समुद्र की सुरक्षा के लिए नौसेना (india navy) के पास फिलहाल आईएनएस विक्रमादित्य सेवा में है और आईएनएस विक्रांत बेसिन ट्रायल पूरा करके अगले साल तक बेड़े में शामिल होगा।
नौसेना (india navy) प्रमुख ने कहा कि समुद्री थिएटर कमान का पुनर्गठन किया जा रहा है, इसलिए वे अपनी पानी के नीचे की क्षमताओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में नौसेना (india navy) के लिए 43 युद्धपोतों और पनडुब्बियों में से 41 स्वदेशी विमान वाहक का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। भारतीय नौसेना (india navy) ने स्मैश-2000 राइफलों को ड्रोन हमला करने से बचाने के लिए ड्रोन रोधी उपकरण के रूप में खरीद रही है। तीनों सेनाओं के लिए 30 प्रीडेटर ड्रोन का अधिग्रहण जारी है और वे ड्रोन अधिक सक्षम होंगे।