जोधपुर। राजस्थान हाइकोर्ट जोधपुर खण्डपीठ ने राज्य सरकार पर 10 हजार का हर्जाना लगाया है। एकलपीठ के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए स्पेशल अपील को खारिज कर दिया।
अन्य राज्य के मूल निवासी होने के आधार पर पात्र मेघावी दिव्यांग अभ्यर्थी को सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति देने से इन्कार करने के कृत्य को किया असवैंधानिक घोषित किया है। अप्रार्थी याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी और विनीता चांगल ने पैरवी की।
उत्तरप्रदेश के मूल निवासी विशेष दिव्यांग अभ्यर्थी को सहायक प्रोफ़ेसर (गणित) पद पर समस्त नोशनल परिलाभ सहित नियुक्ति दिए जाने के 09 जनवरी, 2023 के महत्वपूर्ण फैंसले को राज्य सरकार ने खंडपीठ में चुनौती दी थी। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर के मुख्य न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव औऱ न्यायमूर्ति मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ से याची-दिव्यांग को भारी राहत मिली है।