
चमोली। इस साल शुरू हुई चारधाम में रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के साथ ही उत्तराखंड के चमोली के प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूटों पर भी सैलानियों की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ये पर्यटक व्यवसाय के लिए एक सुखद समाचार है। इस साल हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों पर बर्फ की सफेद चादर प्रकृति की सुंदरता को देखने के लिए भारी संख्या में सैलानी साल भर पहाड़ों पर आते रहे। बताया जा रहा है कि इस साल लगभग 3000 से अधिक सैलानी ऊंचे हिमालय की ऊंची चोटियों पर ट्रैकिंग के लिए पहुंचे। (Nanda Devi Biosphere)
वहीं दूसरी तरफ नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में 5 साल के बाद 17 सैलानी घूमने के लिए पहुंचे। वन क्षेत्र अधिकारी चेतना कांडपाल का कहना है कि नंदा देवी बायोस्फीयर (Nanda Devi Biosphere) में पहली बार सबसे अधिक 17 पर्यटक पहुंचे हैं, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। बता दें कि नंदा देवी बायोस्फीयर लगभग 7817 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस पार्क पर पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं है।
बताया जाता है कि यहां सबसे पहले डब्ब्लू गार्डन 1883 में क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला व्यक्ति था। इसके बाद भारत सरकार ने साल 1982 में इस क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया और इसे बायोस्फीयर (Nanda Devi Biosphere) रिजर्व का विशेष दर्जा प्रदान किया। इसके बाद यहां पर्यटकों का आना जाना शुरू हुआ लेकिन हाई अल्टीट्यूड होने की वजह से यहां पहुंचना काफी मुश्किल भरा होता है।
यही वजह है कि 5 साल में 17 पर्यटक आना अपने आप में सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। उत्तराखंड के बुग्याली इलाकों में सैलानियों का बड़ी संख्या में आना बहुत ही सुखद समाचार माना जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में पहाड़ों में रोजगार के साधन बनेंगे और बेरोजगारी भी कम होगी। (Nanda Devi Biosphere)