यात्री परेशान- पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ यहां जारी टैक्सी हड़ताल
पेट्रोल, डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि के विरूद्ध सोमवार को एटक समर्थित वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी ने टैक्सी हड़ताल की है। इसी क्रम में करीब 7,000 ड्राइवर हड़ताल पर हैं। हड़ताल को वाम समर्थित ऐप कैब का भी समर्थन मिला है।
पेट्रोल, डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि के विरूद्ध सोमवार को एटक समर्थित वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी ने टैक्सी हड़ताल की है। इसी क्रम में करीब 7,000 ड्राइवर हड़ताल पर हैं। हड़ताल को वाम समर्थित ऐप कैब का भी समर्थन मिला है। दूसरी ओर, मिनीबस की तादाद भी बहुत कम है। इस स्थिति में टैक्सियों की मांग बढ़ गई है। सोमवार को सुबह सात बजे से टैक्सी, ओला और उबर के ने अधिकांश जगहों पर हड़ताल का आह्वान किया है। परिणामस्वरूप, हफ्ते की आरम्भ में यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।
हड़तालियों का दावा है कि पेट्रोल तथा डीजल की कीमत हर दिन बढ़ रही है। इस हालत में गाड़ी चलाना अब संभव नहीं है। इसलिए बीस हजार ड्राइवरों में से सात हजार ड्राइवरों ने आज अपनी गाड़ियां बाहर नही निकाली। जिसकी वजह से यात्रियों को बुकिंग के वक्त परेशानी हो रही है।
बंगाल टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष बिमल गुहा ने ‘समाचार एजेंसी’ को बताया कि उबेर, ओला ने अधिकांश स्थानों पर हड़ताल बुलाई है। परन्तु पीली टैक्सियों की सेवाएं अभी भी मिल रही है। हालांकि ज़रूरत के हिसाब से रास्ते पर टैक्सियों की संख्या कम हो गई है। पहले 22 हजार पीली टैक्सियां चल रही थीं।
अब ये सिर्फ 11 हजार है क्योंकि, कानूनी निर्देशों के मुताबिक, 15 साल पुरानी टैक्सी को नहीं चलाया जाएगा। 16 जून 2018 को न्यूनतम टैक्सी का किराया बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया गया था। तब से, ईंधन की कीमतें और अन्य खर्च कई बार बढ़ी हैं। नतीजतन, टैक्सी बैठी है। 2018 में डीजल की कीमत 72.83 पैसा थी।
फरवरी 2021 में डीजल की कीमत 90 रुपये से अधिक हो गई है। 2018 के बाद, राज्य परिवहन विभाग ने किरायों पर ध्यान नहीं दिया। टैक्सी में उठते ही न्यूनतम किराया 50 रुपए की मांग पर आज टैक्सी हड़ताल की गयी है। जो कि 30 रुपये है। पहले दो किलोमीटर में 30 रुपये की जगह 50 रुपये का नया किराया देना होगा। उसके बाद यह किराया 25 रुपये प्रति किलोमीटर बढ़ाना होगा।