‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ अभियान शुरू, 12 जनवरी तक घर-घर खोजे जाएंगे मरीज
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 'टीबी हरेगा-देश जीतेगा' अभियान का शुभारम्भ शनिवार को हुआ।
उत्तर प्रदेश॥ राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ‘टीबी हरेगा-देश जीतेगा’ अभियान का शुभारम्भ शनिवार को हुआ। 12 जनवरी तक चलने वाले इस दस दिवसीय सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (ए0सी0एफ0) का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने किया। इसके साथ ही हरी झण्डी दिखाकर टीमों को ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ के नारे के साथ क्षेत्रों में रवाना किया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.ए.एस. वशिष्ठ ने बताया कि इस एसीएफ अभियान में जनपद की 3.60 लाख की आबादी को कवर किया जाएगा। जिसमें सादाबाद की 1.20 लाख, सिकंदराराऊ की 1.20 लाख, हाथरस की एक लाख व सासनी की 20,000 की आबादी शामिल की गई है। पूरे अभियान में कुल 144 टीम कार्य करेंगी। एक टीम में 3 सदस्य होंगे।
इस प्रकार पूरी 144 टीम में कुल 432 सदस्य होगें। एक टीम प्रतिदिन 50 घरों (औसत 250 व्यक्ति) की स्क्रीनिंग करेगी। पांच टीम पर एक सुपरवाईजर तथा तीन सुपरवाईजर पर एक नोडल अधिकारी (चिकित्सा अधिकारी) नामित किये गये हैं। जिला स्तरीय पर्यवेक्षक (एसीएमओ) की उपस्थिति में ब्लॉकस्तरीय पर्यवेक्षक (एमओआईसी) व नोडल अधिकारी (एसीएफ) द्वारा प्रतिदिन सांयकालीन समीक्षा बैठक करेंगे।
डॉ.वशिष्ठ ने बताया यह बीमारी हवा के जरिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकती है। फेफड़ों की टीबी के रोगी को खांसी जरूर आती है, खांसने पर थूक के कण निकलते है, उसमें कीटाणु होते है जो वायु मंडल में रहते है। हवा में इसके जीवाणु कम से कम 5 घंटे तक और उससे भी अधिक जीवित रहते है। यह बीमारी हवा के जरिये बहुत तेजी से और आसानी से फैलती है। खाँसी को कभी भी नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए।