उत्तर प्रदेश।। पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता से टेम्परेचर में बराबर उतार चढ़ाव बन रहा है। इससे समय से सर्दी नहीं पड़ सकी, किंतु अब पहाड़ों पर बर्फबारी शुरु हो गई है। इसके साथ ही हवाओं की दिशाएं भी बदल गई हैं। ऐसे में आगामी दिनों में कानपुर सहित मैदानी क्षेत्रों में सर्दी तेजी से बढ़ेगी। यह बातें बुधवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम साइंटिस्ट डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने बताया कि अबकी बार सर्दी की दस्तक अक्टूबर में ही हो गई थी, मगर बार बार आ रहे पश्चिमी विक्षोभों के असर से अभी तक टेम्परेचर में उतनी गिरावट नहीं आ पाई, जितनी आ सकती थी। पहाड़ों पर बर्फबारी भी ज्यादा नहीं पड़ी, फिर हवा की दिशा भी बार बार बदलती रहती है। इसीलिए कभी गर्मी लगने लगती है तो कभी ठंड का एहसास होने लगता है। किंतु अब मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदलने वाला है, क्योंकि हाल ही में कश्मीर घाटी में बर्फबारी शुरु हो गई है। इसके साथ ही हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी हो गई है। इससे अगले कई दिन सर्दी महसूस होगी।
अधिकतम टेम्परेचर 26 से 27 डिग्री जबकि न्यूनतम टेम्परेचर 11 डिग्री तक आ जाएगा। अलबत्ता, 19 नवंबर के आस पास एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इससे एक बार फिर टेम्परेचर में इजाफा हो सकता है। किंतु नवंबर के आखिरी दिनों से ठंड अपने रंग में आने लगेगी।
जानकारों ने बताया कि इस साल दिसंबर, जनवरी और फरवरी में अच्छी सर्दी पड़ने के आसार हैं। इन्हीं महीनों में शीत लहर और कोहरे की स्थिति बनेगी। मौसम विशेज्ञषों ने बताया कि जिस तरह गर्मी में गर्मी ने रिकार्ड तोड़ा और मानसून में बरसात ने, उसी तरह इस बार ठंड भी कुछ नए रिकॉर्ड बना जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।