उत्तराखंड : कहीं दिखा ‘भारत बंद’ का व्यापक असर तो कहीं रहा बेअसर, देखें ये रिपोर्ट
किसान संगठनों के मंगलवार को भारत बंद के आह्वान का यहां जिला मुखख्यालय में व्यापक असर दिखा। बाजार पूरी तरह बंद रहे।
रुद्रपुर (उधम सिंह नगर)। किसान संगठनों के मंगलवार को भारत बंद के आह्वान का यहां जिला मुखख्यालय में व्यापक असर दिखा। बाजार पूरी तरह बंद रहे। सिर्फ मेडिकल स्टोर और आवश्यक वस्तुओं से संबंधित दुकानें ही खुलीं।व्यापारियों और किसानों ने जनसभा कर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। इस दौरान पुलिस मुस्तैद रही।

हालांकि कुछेक व्यापारियों ने सुबह दुकानें खोली पर व्यापारी नेताओ के आग्रह पर उन्होंने शटर गिरा दिए। बंद को समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने जुलूस निकाला। महाराजा रणजीत सिंह पार्क में आयोजित जनसभा में व्यापारी और किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को काले कानून की संज्ञा दी।
इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, राम सिंह बेदी, संजय जुनेजा, तिलक राज बेहड़, सुशील गाबा, अभिषेक शुक्ला अंशु, गुरमीत सिंह, विकास शर्मा, हरविंदर सिंह हरजी, संदीप संधू, प्रतिपाल सिंह, सुरमुख सिंह विर्क, बलविंदर सिंह विर्क, राजू सीकरी, हरीश अरोरा , सौरभ शर्मा, मोहन खेड़ा आदि मौजूद रहे।
ऋषिकेशः भारत बंद बेअसर
ऋषिकेश। किसान संगठनों के मंगलवार को भारत बंद का यहां कोई असर नहीं दिखा। बंद को विपक्षी दलों के समर्थन के बावजूद व्यापारिक गतिविधियां व सरकारी संस्थानों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह चल रहा है।
भारत बंद का समर्थन करने वाले दलों के नेता सड़कों से गायब रहे। उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात है। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल पहले ही कहा था कि उत्तराखंड में किसानों के भारत बंद को उनका समर्थन नहीं है।
गढ़वाल ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन और ऋषिकेश ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन ने चक्का जाम की धमकी दी थी पर उसका कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया। संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष सुधीर राय भारत बंद का विरोध कर चुके हैं। गढ़वाल में बस आवागमन सामान्य है। कुछके संगठनों ने जरूर बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। इनमें गढ़वाल मंडल टैक्सी चालक एवं मालिक एसोसिएशन ऋषिकेश प्रमुख हैं।
चमोलीः जिले में भारत बंद बेअसर
गोपेश्वर। किसानों के मंगलवार को भारत बंद का जिले में कोई असर नहीं रहा। सामान्य दिनों की ही भांति मंगलवार को भी बाजार खुले रहे और वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। इस दौरान कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी व वामदलों ने धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन के साथ ही स्थानीय प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर कृषि कानून वापस लेने की मांग की।
जिला मुख्यालय गोपेश्वर में सामान्य दिनों की भांति बाजार खुले रहे और वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। जिला मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्य तिराहे पर धरना दिया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की। थराली में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। मगर बाजार सामान्य रूप से खुले रहे।
तहसील मुख्यालय पोखरी के बाजार खुले रहे। भाकपा और बार एसोसिएशन ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। कर्णप्रयाग में भी दिनचर्चा अन्य दिनों की तरह सामान्य रही। यहां आम आदमी पार्टी के कार्यकताओं ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।