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देहरादून। उत्तराखंड में होते यूकेएसएसएससी (UKSSSC) घोटाले में पूर्व सचिव संतोष बडोनी और पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विजिलेंस पर्याप्त सबूत नहीं जुटा सका है। ऐसे में शासन ने मुकदमे की मंजूरी के लिए तैयार फाइल विजिलेंस को वापस लौटा दी है। बताया जा रहा है कि अब इस मामले में विजिलेंस और अधिक पुख्ता साक्ष्य जुटाकर फाइल दोबारा से शासन को भेजेगी।

बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने बडोनी-डांगी सहित तीन अनुभाग अफसरों बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी,कैलाश नैनवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। विजिलेंस का कहना था कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इन सभी ने करीब 88 परीक्षाएं कराईं और सभी का काम विवादित कंपनी आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन को दिया गया था।

ऐसे में इन अफसरों पर लापरवाही, धोखाधड़ी और पद के दुरुपयोग सहित कई आरोप हैं। इन्हीं मामलों को लेकर विजिलेंस ने शासन से मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने की इजाजत मांगी थी। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि शासन ने मंथन के दौरान मुकदमे की अनुमति के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाए जिसकी वजह से फ़ाइल वापस लौटा दी गई।