Westernization सुनियोजित साजिश, सनातन परम्परा को मजबूत करना आवश्यक
'भारतीय संस्कृति के शास्वत मूल्य' विषयक कार्यशाला में बोले जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ
प्रयागराज। देश में पश्चिम का सांस्कृतिक प्रदूषण (westernization) फैल रहा है। यह सुनियोजित साजिश है। इसकी गम्भीरता को समझने की जरूरत है, अन्यथा भावी भारत के लिए खतरनाक साबित होगा। यह वक्तव्य जगतगुरु शंकराचार्य, पुरी स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने व्यक्त किया। जगतगुरु मंगलवार को दांदूपुर स्थित समदरिया स्कूल ऑफ स्पेशल एजुकेशन में “भारतीय संस्कृति के शास्वत मूल्य “विषयक कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि हमें पश्चिम की आंधी और उसके मीठे जहर को निस्तेज तथा प्रभावहीन करने के लिए अपनी सनातन मूल्य परम्परा को मजबूत करना होगा।भारतीय अवधारणा सदैव शान्ति ,सह-अस्तित्व और सामाजिक सन्तुलन की रही है, जिसमें ईमानदारी, सच्चरित्रता, सेवा, साधना और नैतिकता जैसे जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य छिपे हुए हैं। (Westernization)
स्वामी जी ने कोरोना काल में समदरिया स्कूल की गतिविधियों को सराहा और कहा कि वैश्विक संकट के दौर में विद्यालय द्वारा किए जा रहे सामाजिक चेतना के प्रयास प्रसंसनीय हैं। (Westernization)
स्कूल भ्रमण पर आए जगपत सिंह सिंगरौर डिग्री कॉलेज, धूमनगंज के बीएड प्रशिक्षणार्थियों ने भी अपने विचार साझा किये। प्रशिक्षणार्थियों ने परिसर में अध्ययन/अध्यापन व शैक्षिक तकनीकी पर भी विचार-विमर्श किया। (Westernization)
कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। अतिथियों का परिचय व स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ मणि शंकर द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अम्बिका पाण्डेय तथा आभार ज्ञापन पी के तिवारी ने किया। इस दौरान दिव्यांग बच्चों को स्वेटर, जैकेट व स्टेशनरी सामग्री भेंट की गई। इस अवसर पर डॉ विमला मिश्रा, डॉ सुनीता खरे, नूर मोहम्मद , डॉ संजीव श्रीवास्तव डॉ. अमरजीत सिंह , पण्डित सुधीर द्विवेदी , जेके तिवारी , सुनील सिंह , शालू सिंह ,सुमन्यु पाण्डेय, एम पी सिंह,विनीत पाण्डेय, नीतू सिंह ,सरला,आरती, उषा प्रजापति ,तृप्ति जैसवाल तथा राना मिश्र आदि लोग उपस्थित रहे। (Westernization)