उत्तराखंड के पिथाैरागढ़ जिले के मुनस्यारी में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। विकासखंड के हरकोट मालोपाती में पूरे उफान में बह रहीं दो गैर हिमानी नदियां हरकोट और रीठा गाड़ का प्रवाह पहाड़ी का बढ़ा हिस्सा दरकने से पूरी तरह थम गया है। जिससे यहां 300 मीटर से अधिक लंबी झील बन गई है। 10 मीटर से ऊंची झील बनने से आसमानी आफत के बीच नीचे बसी आबादी की मुश्किल बढ़ गई है।
पांच से अधिक गांवों में आपदा का खतरा मंडरा गया है। समय रहते इसका प्रवाह शुरू नहीं हुआ तो झील बढ़ी आपदा का कारण बन सकती है। हरकोट मालोपाती के पास दो गैर हिमानी नदियां हरकोट और रीठा गाड़ प्रवाहित होती हैं। दोनों मानसूनकाल में पूरे उफान पर हैं। शनिवार सुबह दोनों नदियों के संगम पर पहाड़ी का एक बढ़ा हिस्सा दरकने से उनका प्रवाह रुक गया। भारी मात्रा में पहाड़ी से मलबा और बोल्डर नदी में गिर गए।
संगम पर नदियों का प्रवाह थमने से यहां 300 मीटर से अधिक लंबी और 10 मीटर से ऊंची झील बन गई है। बारिश के साथ ही झील का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। इससे मदकोट, भदेली, मालोपाती, रुमाल, खेत गांव सहित गोरीछाल के तटीय इलाकों की 3 हजार की आबादी दहशत में है। झील बनने की सूचना मिलने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। इधर, समय रहते प्रवाह शुरू नहीं हुआ तो यह झील किसी बढ़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।