30 अगस्त: कोरोना वायरस संक्रमण आने वाले महीनों में एक बार फिर दुनियाभर में कहर बरपा सकता है। खासतौर से यूरोप में काफी ज्यादा जानें ये वायरस अगले तीन से चार महीने में ले सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को ये कहा है। कोरोना महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि 1 दिसंबर तक यूरोप में 2.36 लाख मौतें इससे हो सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीकाकरण की धीमी रफ्तार और खासतौर से गरीब देशों में वैक्सीन की कमी को लेकर चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ के यूरोप के निदेशक हेंस क्लुग ने बताया है कि पिछले हफ्ते कोरोना के कारण हुई मौतों में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसको देखते हुए एक विश्वसनीय अनुमान ये कहता है कि 1 दिसंबर तक करीब 236,000 मौतें कोरोना से हो सकती हैं।
क्लुग ने कहा, यूरोप के 33 में पिछले दो सप्ताह में कोविड के कारण मौतें 10 फीसदी बढ़ी हैं। अब कई देशों की प्राथमिकता वाली आबादी में टीकाकरण की धीमी गति के कारण ऐसा खतरा और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि इन देशों में संक्रमण के तेजी से फैलने के पीछे सबसे बड़ा कारण प्राथमिकता वाली आबादी में वैक्सीनेशन की दर का बहुत कम होना है। ऐसे में यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि यूरोप में निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में केवल छह प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन की दोनों खुराकें दी जा सकी है। इसी तरह कुछ देशों ने केवल 10 स्वास्थ्य पेशेवरों में से एक को ही वैक्सीन दी गई है। ऐसे में हालात बिगड़ने का खतरा बना हुआ है।
डेल्टा वेरिएंट को लेकर चिंता
क्लुग का कहना है कि प्रतिबंधों में रियायत डेल्टा वेरिएंट की उच्च संक्रमण दर के चलते ये ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बना हुआ है। ऐसे में यूरोपीय देशों में इसी वेरिएंट के कारण संक्रमण की दर ऊंची बनी हुई है।