
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर घरेलू शेयर बाजार पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। जंग जैसी स्थिति के चलते शुक्रवार, 9 मई को कारोबारी सत्र की शुरुआत से ही शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स खुलते ही लगभग 1300 अंक टूटकर 79,757.22 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 24000 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे चला गया।
इस उथल-पुथल के बीच डॉलर के मुकाबले रुपया भी दबाव में दिखा। रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 85.71 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर खुला। गुरुवार को भी रुपया इसी स्तर पर बंद हुआ था।
शुक्रवार सुबह 9:24 बजे तक सेंसेक्स 577.59 अंकों की भारी गिरावट के साथ 79,757.22 पर था। दूसरी तरफ, निफ्टी 50 भी 207.50 अंक गिरकर 24,066.30 अंक पर कारोबार कर रहा था। बाजार में व्यापक बिकवाली के चलते अधिकांश सेक्टर प्रभावित हुए, जिनमें मेटल, रियल्टी, एनबीएफसी और एफएमसीजी सेक्टर के शेयर सबसे ज्यादा दबाव में रहे। हालांकि, शुरुआती कारोबार में टाइटन, एलएंडटी, बीईएल, टाटा मोटर्स और डॉ रेड्डीज जैसे चुनिंदा शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
इससे पहले गुरुवार को भी शेयर बाजार में गिरावट का माहौल रहा था। बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 411.97 अंक टूटकर 80,334.81 अंक पर बंद हुआ, जिससे निवेशकों को एक दिन में लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.90 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 1.05 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई।
पाकिस्तान की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। गुरुवार को पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज में करीब 7 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई, जिससे कुछ समय के लिए वहां कारोबार रोकना पड़ा।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के आंतरिक हालात का भारतीय बाजार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उनका कहना है कि भारतीय बाजार की आधारभूत स्थिति मजबूत है, और यह गिरावट केवल अस्थायी और सीमित समय के लिए हो सकती है।