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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारत के लिए गर्व का क्षण आ ही गया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अब स्वदेश लौट रहे हैं। वापसी के दौरान विमान से उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा की, जिसने हर भारतीय का दिल छू लिया।

शुभांशु ने लिखा – “भारत लौटते हुए मेरे दिल में भावनाओं का सैलाब उमड़ रहा है। पिछले एक साल में जो साथी परिवार जैसे बन गए, उन्हें छोड़ना कठिन है। लेकिन अपने देश, अपने दोस्तों और परिवार से मिलने की उत्सुकता उतनी ही गहरी है। यही शायद जीवन है – खुशी और पीड़ा दोनों का साथ।”

उन्होंने आगे बताया कि मिशन के दौरान और उसके बाद उन्हें अपार स्नेह और समर्थन मिला। अब वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि भारत लौटकर अपने अनुभव लोगों से साझा कर सकें। शुभांशु ने अपने कमांडर पेगी व्हिटसन का उल्लेख करते हुए लिखा – “जैसा मेरी कमांडर हमेशा कहती हैं, ‘स्पेसफ्लाइट में बदलाव ही स्थिर है।’ मुझे लगता है कि यह बात जीवन पर भी लागू होती है।”

अपनी पोस्ट के अंत में उन्होंने हिंदी में पंक्ति लिखी – “यूँ ही चला चल राही, जीवन गाड़ी है समय पहिया।”

यह संदेश न केवल भारत की अंतरिक्ष यात्रा की सफलता का प्रतीक है बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा भी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी इस पोस्ट पर बधाइयों और शुभकामनाओं की झड़ी लगा दी।

इस मिशन में शुभांशु ने कई वैज्ञानिक प्रयोगों और शोध कार्यों में भाग लिया। इनका उद्देश्य सिर्फ अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं को समझना नहीं था, बल्कि चिकित्सा, प्रौद्योगिकी और मानव जीवन से जुड़े कई अहम प्रयोग भी शामिल रहे। उनकी सक्रिय भागीदारी से भारत की वैज्ञानिक समुदाय को नई दिशा और अनुभव प्राप्त हुए।

शुभांशु ने संकेत दिया है कि भारत लौटने के बाद वे अपने अनुभव युवाओं के साथ साझा करेंगे, ताकि नई पीढ़ी अंतरिक्ष विज्ञान की ओर और अधिक प्रेरित हो। निस्संदेह यह क्षण भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगा।

उनकी वापसी पर घर में भी भावनाओं का सैलाब है। पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा – “यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा गर्व का क्षण है। बेटे को अंतरिक्ष तक जाते देखा और अब लौटते देखना आंखों को नम कर देता है। भले ही वह सीधे लखनऊ न आ रहा हो, लेकिन यह जानकर ही हृदय भर आया है कि वह भारत की मिट्टी पर कदम रख रहा है।”

मां आशा शुक्ला ने खुशी जताते हुए कहा – “हर मां का सपना होता है कि उसका बेटा देश का नाम रोशन करे। आज कृष्ण जन्माष्टमी के दिन शुभांशु की वापसी हमारे लिए दोगुनी खुशी लेकर आई है।”

बहन शुचि मिश्रा ने भावुक होकर कहा – “भाई हमेशा मेरे हीरो रहे हैं। अब जब वे इतनी बड़ी उपलब्धि के बाद लौट रहे हैं, तो उनसे मिलने की बेसब्री हर पल बढ़ रही है।”