
नैनीताल, 28 मार्च। हाईकोर्ट ने मल्लीताल अंडा मार्किट के निकट स्थित पौनिसराय की फ्री होल्ड नजूल भूमि को पूर्व में जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से निरस्त किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिया है कि पालिका में कार्यरत जिन कर्मचारियों के नाम नजूल भूमि फ्री होल्ड हुई है उसकी सूची कोर्ट में पेश की जाए ।
हाईकोर्ट ने पौनिसराय नजूल भूमि के संबंध में वर्ष 2004 व 2013 में जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से जारी आदेश का रिकॉर्ड न मिलने व नजूल भूमि के कागजात में छेड़छाड़ होने की जांच एसएसपी नैनीताल को सौंपी है। कोर्ट के पूर्व के आदेश पर एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश हुए थे।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरोपी तत्कालीन नजूल क्लर्क प्रकाश सहदेव के खिलाफ मल्लीताल कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता प्रमोद सहदेव पुत्र स्व. रामस्वरूप सहदेव के अनुसार पौनिसराय की नजूल भूमि उनके पिता के नाम 1996 में फ्री होल्ड हुई थी। वर्ष 2004 व 2013 में तत्कालीन जिलाधिकारियों ने इस भूमि को व्यवसायिक दरों में फ्री होल्ड किए जाने के निर्देश दिए। लेकिन यह आदेश नगर पालिका के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है और न ही यह आदेश नजूल भूमि फ्री होल्ड धारक को मिला। इसके अलावा प्रशासन ने अपने एक आदेश में फ्री होल्ड भूमि 222 वर्ग मीटर बताई है जबकि कुछ रिकॉर्ड में यह भूमि 450 वर्ग मीटर बताई गई है।
आरोप है कि तत्कालीन नजूल क्लर्क प्रकाश सहदेव ने रिकॉर्ड में यह छेड़छाड़ की है। प्रकाश सहदेव स्व.रामस्वरूप सहदेव के बड़े पुत्र हैं। उनके खिलाफ मल्लीताल कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।
बता दें कि प्रो.अजय रावत की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान तत्कालीन अधिशासी अधिकारी नगर पालिका ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि पौनिसराय की नजूल भूमि जो सार्वजनिक उपयोग की थी वह नियम विरुद्ध फ्री होल्ड हो गई थी। 2016 में यह फ्री होल्ड निरस्त कर दिया गया। इस मामले में प्रमोद सहदेव ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी एसएलपी निस्तारित करते हुए उनसे जिलाधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र देने को कहा। यह प्रार्थना पत्र तब से लम्बित है। जिस पर प्रमोद सहदेव ने पुनः हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जानना चाहा कि नगर पालिका कर्मचारी को नजूल भूमि फ्री कैसे हो सकती है। जिस पर कोर्ट को बताया गया कि नजूल भूमि स्व.रामस्वरूप सहदेव के अलावा कई अन्य कर्मचारियों व बोर्ड के जनप्रतिनिधि रहे लोगों के नाम भी फ्री होल्ड हुई है । जिनका रिकॉर्ड कोर्ट ने तलब किया है । इस मामले की सुनवाई अब तीन हफ्ते बाद होगी।