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Cabinet Decision Uttarakhand: धार्मिक क्षेत्रों के अनुरक्षण और रोजगार व राजस्व में वृद्धि वाली है आबकारी नीति-महेंद्र भट्ट

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देहरादून। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ ने नई आबकारी नीति को धार्मिक क्षेत्रों के अनुरक्षण के साथ रोजगार व राजस्व में वृद्धि करने वाला बताया है। इसके अलावा महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ करने के लिए सीएम एकल महिला स्वरोजगार योजना को मातृ शक्ति के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्ध बताया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कैबिनेट के निर्णयों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि के स्वरूप को बरकरार रखते हुए राज्य के राजस्व में वृद्धि के प्रति कटिबद्ध है। आबकारी किसी भी प्रदेश की आर्थिकी और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण पक्ष है, जिसको लेकर धामी सरकार के नेतृत्व में साल दर साल तय लक्ष्यों से अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय देवभूमि की संस्कृति के अनुरूप है। हमारे लिए जनभावनाएं सर्वोच्च हैं, लिहाजा जहां तक संभव है, शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जाए। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था की समाप्ति का निर्णय भी सराहनीय पहल है।

वहीं उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी यूनिट के आबकारी शुल्क में 15 वर्षों की छूट और जन शिकायतों के मद्देनजर ओवर रेटिंग को लेकर किए कड़े प्रावधान का स्वागत किया है। उन्होंने नई आबकारी नीति को निवेश, रोजगार और राजस्व के नए आयाम खड़े करने वाला बताया।

भट्ट ने कहा कि धामी सरकार महिलाओं के उत्थान की दिशा में कई निर्णय ले चुकी है। लखपति दीदी योजना इसका उदाहरण है। एक और पहल सीएम एकल महिला स्वरोजगार योजना के रूप में सामने आयी है, जिसमें 02 लाख का प्रावधान किया गया है। सरकार सांस्कृतिक सरंक्षण की दिशा में गंभीर है और इसी कारण राज्य आंदोलन और विभूतियों को छात्रों के कोर्स में शामिल करने के निर्णय को अच्छी पहल बताया है।

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